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इस महिला को आती है दाढ़ी, झिझक की जगह अब होता है गर्व

Subhi
11 Aug 2022 1:27 AM GMT
इस महिला को आती है दाढ़ी, झिझक की जगह अब होता है गर्व
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दुनिया में हर इंसान के लिए खूबसूरती के अपने-अपने पैमाने होते हैं. किसी को गोरे रंग से प्यार होता है तो किसी को सांवले रंग से. किसी को लम्बी हाइट चाहिए तो किसी को छोटी. कोई सिक्स पैक ऐप पर फिदा है

दुनिया में हर इंसान के लिए खूबसूरती के अपने-अपने पैमाने होते हैं. किसी को गोरे रंग से प्यार होता है तो किसी को सांवले रंग से. किसी को लम्बी हाइट चाहिए तो किसी को छोटी. कोई सिक्स पैक ऐप पर फिदा है तो कोई नॉर्मल बॉडी पसंद करता है. लोग सारी अच्छाई या अपने ऐब अपने में कम और दूसरों में ज्यादा देखते है. अगर आप भी इस तरह की आदत से मजबूर हैं तो आपको अमेरिका की रहने वाली एक महिला डकोटा कुक (Dakota Cooke) की बात को सुनना चाहिए. जो पहले अपने चहरे पर उगने वाली दाढ़ी से परेशान थी लेकिन बाद उन्होंने उससे प्यार करना सीख लिया.

कौन हैं डकोटा कुक

अमेरिका की रहने वाली डकोटा कुक इन दिनों खूब सुर्खियों में हैं. 30 साल की डकोटा जन्म से एक महिला हैं लेकिन उनकी दाढ़ी आती है. आप सोच रहे होंगे इसमें क्या नया है? बहुत सारी औरतों को थोड़ी बहुत दाढ़ी आती ही है. लेकिन आपको बता दें कि डकोटा को पुरुषों के जैसे घनी दाढ़ी आती है, जोकि महिलाओं में एक असामान्य बात है. एक समय था जब डकोटा इससे छुटकारा पाना चाहती थी. पर आज उन्हें अपनी काली घनी दाढ़ी से प्यार है.

13 साल की उम्र से आती है दाढ़ी

डकोटा बताती है कि 13 की छोटी उम्र से ही उनकी दाढ़ी आ शुरू हो गई थी. शुरुआत के दिनों में वो बहुत ही असहज महसूस करती थी. उन्हें लोगों के बीच शर्मिंदा होना पड़ता था. उन्हें किसी आदमी के जैसे काली और घनी दाढ़ी आती है. डकोटा बताती है कि अपनी दाढ़ी को हटाने के लिए वो वैक्सीन करती थी इसके साथ ही दिन में दो-दो बार सेव करती थी. उनकी दाढ़ी की वजह से लोग उनसे अजीब तरह से पेश आते थे. उनके साथ काम करने वाले भी उन्हें अलग तरह से देखते थे. जिससे वो काफी परेशान होने लगी थीं.

डॉक्टरों ने क्या कहा?

'द सन' के अनुसार, डकोटा के कई सारे टेस्ट कराने के बाद भी डॉक्टरों को उनकी दाढ़ी के लिए कोई खास वजह नजर नहीं आई. लेकिन उनका मानना है कि ये डकोटा में यह टेस्टोस्टेरोन हार्मोन्स का लेवल बढ़ने से ऐसा हो सकता है. डकोटा ने बताया कि उनको अपनी दाढ़ी को लेकर काफी भेदभाव झेलना पड़ा है. लेकिन 2015 से उन्होंने अपनी दाढ़ी नहीं काटी है. अब वो खुद को 'डकोटा दाढ़ी वाली महिला' कहलाना ज्यादा पसंद करती हैं. वो बताती हैं कि अपने साथ होने वाले भेदभाव से वो काफी तंग आ चुकी थीं फिर अपने एक दोस्त के कहने पर उन्होंने दाढ़ी ना कटवाने का तय किया. अब उनको अपनी दाढ़ी पर गर्व है.


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