जरा हटके

ये थी अबतक की सबसे बड़ी मछली, ‘समुद्री दैत्य’ से नहीं थी कम

Manish Sahu
16 Sep 2023 3:45 PM GMT
ये थी अबतक की सबसे बड़ी मछली, ‘समुद्री दैत्य’ से नहीं थी कम
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जरा हटके: एक हैरान कर देने वाले प्राचीन समुद्री जीव का पता चला है. यह जीव एक शिकारी व्हेल थी, जिसे ‘लिव्याटन’ नाम से जाना जाता है. यह व्हेल धरती पर 13 मिलियन साल पहले रहती थी, जो इतनी खतरनाक थी कि ज्यादातर समुद्री जीवों को खा जाती थी. अगर आज यह मछली जिंदा होती तो ‘समुद्री का दैत्य’ कहलाती. एक्सपर्ट्स ने अनुमान लगाया है कि यह व्हेल मेगालोडोन शार्क से भी अधिक शक्तिशाली और खूंखार थी.
द सन की रिपोर्ट के अनुसार, अपने आकार और ताकत के कारण इसमें कोई आश्चर्य की बात नहीं है कि मेगालोडोन शार्क एक टॉप शिकारी थी, लेकिन लिव्याटन व्हेल उससे भी कहीं अधिक खतरनाक थी. लिव्याटन की लंबाई 44 से 57 फीट और वजन 62.8 टन तक हो सकता था, जिससे यह इतिहास में सबसे बड़ी ज्ञात व्हेल बन गई है.
मेगालोडोन से अधिक थी लिव्याटन की रफ्तार
कुछ एक्सपर्ट्स का यह भी मानना है कि प्राचीन शार्क के खिलाफ लड़ाई में लिव्याटन व्हेल की जीत हुई होगी. इसके कई कारण दिखते हैं. पहला तो यह कि लिव्याटन व्हेल 20 मील प्रति घंटे की रफ्तार से आगे बढ़ सकती है, जबकि मेगालोडोन केवल 11 मील प्रति घंटे की गति से ही चल सकती है.
‘एक फीट से अधिक लंबा होता था दांत’
शार्क की तुलना में व्हेल का एक और फायदा उसके दांतों का आकार था. लिव्याटन के दोनों जबड़ों में कुछ विशाल दांत थे, जिनकी लंबाई 1 फुट से अधिक थी. इसका मतलब है कि जब लिव्याटन ने शिकार को काटा, तो संभवतः उसने बड़ी मात्रा में मांस को फाड़ दिया. जबकि मेगालोडोन के दांतों का आकार लिव्याटन के दांतों का लगभग आधा ही था- लगभग 7 इंच लंबा. ऐसा प्रतीत होता है कि लिव्याटन व्हेल मेगालोडोन शार्क से कहीं अधिक बेहतर शिकारी थी.
A-Z-animals.com ने अपने ब्लॉग पर बताया, ‘मेगालोडोन के लिए एक और समस्या उसके हमले के तरीके से उत्पन्न होती है. वे अपने शिकार के पेट पर हमला करना पसंद करते हैं. इससे उनको एक विशाल व्हेल को मारने में मदद नहीं मिलेगी. उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर, यह संभावना अधिक है कि मेगालोडोन शार्क के खिलाफ लड़ाई में लिव्याटन व्हेल जीत जाएगा.’
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