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दुनिया में यह अनोखी घड़ी,जिसमें कभी नहीं बजते है 12

Bharti sahu
1 Nov 2021 9:38 AM GMT
दुनिया में यह अनोखी घड़ी,जिसमें कभी नहीं बजते है 12
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हम बचपन से ही घड़ी में एक से लेकर 12 बजे तक के नंबर देखते आए हैं

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | हम बचपन से ही घड़ी में एक से लेकर 12 बजे तक के नंबर देखते आए हैं. 24 घंटे घड़ी की सुईयां लगातार इन्हीं के बीच टिकटकती रहती हैं. इस घड़ी के मुताबिक ही हमारी दिनचर्या चलती है, लेकिन अगर आपसे कहें कि घड़ी से हमेशा के लिए एक घंटा कम कर दिया जाएगा तो आपको ऐसा महसूस होगा कि आपकी रोजमर्रा की जिंदगी से एक घंटे कम हो जाएंगे. लेकिन क्या आपने किसी ऐसी घड़ी (Most unique Watch) के बारे में सुना है, जिसमें कभी 12 नहीं बजते हैं? आप जानकर हैरान होंगे कि दुनिया में एक ऐसी भी घड़ी है, जिसमें कभी 12 नहीं बजते हैं. इसके पीछे की वजह भी आपको चौंका देंगी.

आखिर घड़ी में क्यों बजते हैं सिर्फ 11?
दुनिया में यह अनोखी घड़ी स्विट्जरलैंड के सोलोथर्न (Solothurn Of Switzerland) शहर में है. इस शहर में टाउन स्क्वेयर पर एक घड़ी (A Clock on Town Square) लगी है. इस घड़ी में घंटे के सिर्फ 11 अंक ही हैं. उसमें से नंबर 12 गायब है. वैसे यहां पर और भी कई घड़ियां हैं, जिनमें 12 नहीं बजते. इस शहर की सबसे बड़ी विशेषता है कि यहां के लोगों को 11 नंबर काफी पसंद है. इतना ही नहीं, यहां जो भी चीजें हैं, उनका डिजाइन 11 नंबर के आस-पास ही घूमता रहता है. आप जानकर दंग रह जाएंगे कि इस शहर में चर्च और चैपलों की संख्या 11-11 ही है. इसके अलावा संग्रहालय, ऐतिहासिक झरने और टावर भी 11 नंबर के हैं.
11 नंबर के पीछे आखिर क्या छिपा है राज?
सेंट उर्सुस (Saint Ursus) के मुख्य चर्च में भी 11 नंबर का महत्व आपको साफ दिख जाएगा. आपको बता दें कि यह चर्च भी 11 साल में ही बनकर तैयार हुआ था. यहां तीन सीढ़ियों का सेट है और हर सेट में 11 पंक्तियां हैं. इसके अलावा यहां 11 दरवाजे और 11 घंटियां भी हैं. यहां के लोगों को 11 नंबर इतना पसंद है कि वे अपने 11वें जन्मदिन को बेहद खास तरीके से सेलिब्रेट करते हैं. इस अवसर पर दिए जाने वाले गिफ्ट भी 11 नंबर से ही जुड़े होते हैं. यहां के लोगों के बीच 11 नंबर शुभ माना जाता है.
सदियों पुरानी है ये मान्यता
11 नंबर के प्रति यहां के लोगों के इतने लगाव के पीछे एक सदियों पुरानी मान्यता है. गौरतलब है कि किसी समय में सोलोथर्न के लोग काफी मेहनत करते थे, लेकिन इसके बावजूद उनके जीवन में परेशानियां थीं. कुछ समय के बाद यहां की पहाड़ियों से एल्फ (Elf) आकर उन लोगों का हौसला बढ़ाने लगे. एल्फ के आने से वहां के लोगों के जीवन में खुशहाली आने लगी. एल्फ का किस्सा जर्मनी (Germany) की पौराणिक कहानियों में सुनने को मिलता है. यहां के लोगों में मान्यता है कि इनके पास अलौलिक शक्तियां होती हैं और जर्मन भाषा में एल्फ का मतलब 11 होता है. इसलिए सोलोथर्न के लोगों ने एल्फ को 11 नंबर से जोड़ दिया और तब से यहां के लोगों ने 11 नंबर को बहुत ज्यादा महत्व देना शुरू कर दिया.


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