जरा हटके
यह मीनार है रहस्यों से भरा...जिसके नीचे दबे खजाने को लेकर आज भी बरकार है रहस्य
Ritisha Jaiswal
16 Oct 2021 10:45 AM GMT
![यह मीनार है रहस्यों से भरा...जिसके नीचे दबे खजाने को लेकर आज भी बरकार है रहस्य यह मीनार है रहस्यों से भरा...जिसके नीचे दबे खजाने को लेकर आज भी बरकार है रहस्य](https://jantaserishta.com/h-upload/2021/10/16/1359352--.webp)
x
दुनिया में किलों और मीनारों की कोई कमी नहीं है। एक से बढ़कर एक भव्य और प्राचीन मीनारें हैं, जो लोगों को हैरान करते हैं
जनता से रिश्ता वेबडेस्क | दुनिया में किलों और मीनारों की कोई कमी नहीं है। एक से बढ़कर एक भव्य और प्राचीन मीनारें हैं, जो लोगों को हैरान करते हैं। इनमें कई किले और मीनारें बेहद रहस्यमयी हैं। आईए जानते हैं एक ऐसे ही मीनार के बारे में जिसे रहस्यमयी खजाने के लिए जाना जाता है। यह मीनार पाकिस्तान के रहीम यार खान जिले में स्थित है। यह मीनार रहस्यों से भरी हुई है, क्योंकि इसके नीचे छिपे खजाने को आज तक कोई नहीं खोज पाया।
इस खजाने को लेकर आज भी रहस्य बरकार है। कहा जाता है कि 19वीं सदी में अंग्रेजों के शासन के दौरान एक कर्नल मीनार की खोज के लिए निकला था। वहां पर पहुंचने के बाद इस अधिकारी ने मीनार की खुदाई का आदेश दिया। लेकिन खजाने की खुदाई के दौरान अजीबो गरीब मक्खियों का झुंड बाहर आ गया जिनके डंक मारने से उसकी मौत हो गई। इसके बाद खुदाई को रोक दिया गया। इस मीनार का नाम पतन है जो पाकिस्तान के रहीम यार खान जिले में स्थित है। बताया जाता है कि इस रहस्यमयी मीनार के नीचे खजाना छिपा है, लेकिन आजतक इस खजाने के रहस्य को कोई सुलझा नहीं पाया है।माना जाता है कि रहीम यार खान से आठ किलोमीटर की दूरी पर स्थित पतन मीनार पांच हजार साल पुरानी है। कुछ लोगों का कहना है कि यह बौद्ध स्तूप था जिसमें सिर्फ एक स्तंभ बचा है। इस इमारत की डिजाइन को लेकर बहुत कम जानकारी है। ज्यादातर लोगों का कहना है कि इसको हड़प्पा घाटी सभ्यता के दौरान बनाया गया था।
इस मीनार का नाम पट्टन पुर के नाम पर रखा गया है। बताया जाता है कि पट्टन सिंधु नदी की एक शाखा घाघरा नदी के तट पर बसा एक हरा-भरा शहर था। पतन मीनार का अर्थ है 'टॉवर ऑन द फोर्ड'। इस इमारत में पश्चिम की तरफ एक ही द्वार है। ऊपरी मंजिल तक जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है। बताया जाता है कि इस मीनार को वॉच टावर के रूप में इस्तेमाल किया जाता था।
कुछ पुरातत्वविदों का मानना है कि इस इमारत का निर्माण सिकंदर महान ने किया था। उनका कहना है कि सिकंदर जब भारत में अपने सैन्य अभियान के दौरान इस क्षेत्र से जा रहा था उसी दौरान उसने इसका निर्माण कराया था। सिकंदर की सेना जहां भी जाती थी, पूरे के पूरे नगर जला दिए जाते थे। सिकंदर ने यहां पर एक छावनी की स्थापना की और स्थानीय जनजातियों पर नजर रखने के लिए इस मीनार इस्तेमाल किया जाता था। 18 वीं शताब्दी में पतन मीनार को तोड़ा गया तो एक ईंट मिली जिस पर संस्कृत में लिखा गया था।
तो वहीं कुछ पुरातत्वविदों का कहना है कि यह एक हिंदू मंदिर था। इस इमारत में कई ऐसी चीजें हैं जो हिंदू मंदिरों में होती हैं। उनका कहना है कि एक खास लोगों के लिए यह मंदिर बनाया गया था। इस तीन मंजिला इमारत की डिजाइन एक खास तरह की है। इस इमारत के दो मंजिलों को पूराने शासकों ने नष्ट कर दिया। इस मीनार के निर्माण को लेकर लोग अलग-अलग दावे करते हैं। इस मीनार के निर्माण और यहां छिपे खजाने का रहस्य आज तक बरकरार है।
![Ritisha Jaiswal Ritisha Jaiswal](https://jantaserishta.com/h-upload/2022/03/13/1540889-f508c2a0-ac16-491d-9c16-3b6938d913f4.webp)
Ritisha Jaiswal
Next Story