जनता से रिश्ता वेबडेस्क| भारत में लगभग हर घर में सुबह-सुबह चाय की भीनी-भीनी खुशबू से ही लोगों नींद खुलती है। चाय की एक-एक घूंट ताजगी भरा एहसास दिलाती है। अगर चाय की बात की जाए और असम का जिक्र ना हो, तो बात ही पुरी नहीं हो सकती है। असम के बगानों में चाय की कई प्रजातियों की खेती होती है। हाल ही में असम में दुर्लभ प्रजाति वाली चायपत्ती ने खास रिकॉर्ड बनाया है। इस चायपत्ती को नीलामी केंद्र पर 75 हजार रुपए प्रति किलो की कीमत पर बेचा गया है।
बता दें कि मनोहारी गोल्ड टी खास तरह की दुर्लभ चायपत्ती है। इस चाय को गुवाहाटी चाय नीलामी केंद्र पर 75 हजार रुपए प्रति किलो की कीमत पर बेचा गया है। मनोहारी गोल्ड टी असम में इस साल दर्ज चाय की सबसे ऊंची कीमत है। इस खास चायपत्ती की खेती करने वाले मनोहारी टी स्टेट का कहना है कि इस साल इसकी केवल 2.5 किलो पैदावार हुई। कुल पैदावार में से 1.2 किलो चायपत्ती की नीलामी हुई है।
मनोहारी टी स्टेट के डायरेक्टर राजन लोहिया के मुताबिक, ये खास तरह की चायपत्ती होती है, जिसे सुबह 4 से 6 बजे के बीच सूरज की किरणें जमीन पर पड़ने से पहले तोड़ा जाता है। इस चायपत्ती का रंग हल्का मटमैला पीला होता है। इतना ही नहीं ये चायपत्ती अपनी खास तरह की खुशबू के लिए भी मशहूर है।
असम में इस दुर्लभ चायपत्ती की खेती 30 एकड़ में की जाती है। इस चायपत्ती के पौधों से पत्तियों के साथ कलियों को तोड़ा जाता है, फिर इन्हें फर्मेंटेशन की प्रोसेस से गुजारा जाता है। फर्मेंटेशन के दौरान इस चायपत्ती का रंग हरा से बदलकर भूरा हो जाता है। इसके बाद सुखाने पर ये चायपत्ती सुनहरे रंग की हो जाती है।
डेक्कन हेराल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक, लॉकडाउन, मानसून और बाढ़ का सीधा असर भी असम के चाय बगानों पर पड़ा है। चायपत्ती उद्योग इस साल 1 हजार करोड़ के घाटे से जूझ रही है। लेकिन हाल ही में हुए मनोहारी गोल्ड टी की नीलामी ने कुछ राहत पहुंचाई है।
This Assam tea fetches record price of this year https://t.co/fUIprzM8WA @deccanherald
— Tea Board India (@teaboardofindia) October 30, 2020