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जमीन पर 2 घंटे तक जिंदा रह सकती है ये शार्क, हैरान हुए वैज्ञानिक

Bharti sahu
21 Aug 2022 7:44 AM GMT
जमीन पर 2 घंटे तक जिंदा रह सकती है ये शार्क, हैरान हुए वैज्ञानिक
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जैसे-जैसे प्रकृति ने अपना रूप बदला, वैसे-वैसे जीवों ने भी आकाश, पानी, जमीन आदि पर अपने अनुसार विचरण करना शुरू कर दिया.

जैसे-जैसे प्रकृति ने अपना रूप बदला, वैसे-वैसे जीवों ने भी आकाश, पानी, जमीन आदि पर अपने अनुसार विचरण करना शुरू कर दिया. जमीन पर रहने वाले जीवों की अलग विशेषताएं हो गईं, जैसे वो चलने-फिरने लगे. वैसे ही आकाश में उड़ने के लिए कई जीवों को पंख मिल गए वहीं पानी में रहने वाले जीवों के पास फिन आ गए और गिल्स के चलते वो पानी में भी सांस लेने लगे. मगर अब ऐसा लग रहा है जैसे प्रकृति फिर से करवट ले रही है. हाल ही में वैज्ञानिकों ने दावा किया है कि उन्हें शार्क की ऐसी प्रजाति (Shark species that can walk) पता चली है जो पानी से बाहर निकलकर जमीन पर रहने लगती है और चल भी लेती है.

डेली स्टार वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार फ्लोरिडा एटलांटिक यूनिवर्सिटी (Florida Atlantic University) के शोधकर्ताओं ने हाल ही में एक बेहद चौंकाने वाली बात का पता रिसर्च के जरिए लगाया. शोध के बारे में जारी की गई स्टेटमेंट में कहा गया है कि एपाउलेट शार्क्स (epaulette sharks) पानी से बाहर निकलकर अपने फिन के जरिए जमीन पर चल लेती (walking sharks) हैं और बिना ऑक्सीजन या पानी के भी करीब 2 घंटे (sharks can live without oxygen for 2 hourse) तक जिंदा रह सकती हैं. शोधकर्ताओं का दावा है कि ये सब चीजें पर्यावरण परिवर्तन के कारण हो रही हैं.
पता लगी चलने वाली शार्क
अब वैज्ञानिक इस बात की खोज कर रहे हैं कि मछलियों में चलने की ये प्रतिभा कैसे विकसित हो रही है और उन्हें किस तरह से बदल रही है. चलने वाली शार्क्स की अन्य प्रजाति ऑस्ट्रेलिया, इंडोनेशिया और पापुआ न्यू गिनी में पाई जाती है. इस शोध की सीनियर ऑथर डॉ. मैरियान पोर्टर ने कहा है कि एपाउलेट शार्क के लोकोमोशन को पढ़ने के बाद इस प्रजाति के बारे में ज्यादा जानकारी हासिल की जा सकती है कि ये चल कैसे पा रही है और मुश्किल परिस्थितियों में खुद को जीवित कैसे रखे हुए है.
जांच में जुटे वैज्ञानिक
अब उनकी टीम इस बात पर शोध कर रही है कि आगे जलवायु परिवर्तन की गति बढ़ने से एपाउलेट शार्क में क्या बदलाव भविष्य में आ सकता है. ये शार्क 3 फीट तक लंबी हो जाती है और अब इसी के भरोसे वैज्ञानिक इवोल्यूशन की प्रक्रिया को समझने की कोशिश करेंगे. लंदन के नेशनल हिस्ट्री म्यूजियम के अनुसार एपाउलेट शार्कों ने अपनी चलने की क्षमता को करीब 90 लाख साल पहले विकसित किया होगा. वैसे ये भी मुमकिन है कि आम इंसान इस बात को जानकर घबड़ा जाए कि शार्क जमीन पर चल रही हैं. मगर चिंता की बात नहीं है क्योंकि एपाउलेट शार्क इंसानों के लिए जानलेवा नहीं होती हैं. वो सिर्फ छोटी मछलियां या अन्य छोटे जीव ही खाती हैं.


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