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100 साल के बाद दिखा ये दुर्लभ पक्षी, देखने उमड़े लोग, ये है वो अद्भुत वीडियो

jantaserishta.com
31 Jan 2021 4:52 AM GMT
100 साल के बाद दिखा ये दुर्लभ पक्षी, देखने उमड़े लोग, ये है वो अद्भुत वीडियो
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लोग इसकी तस्वीरें ले रहे थे, वीडियो बना रहे थे.

न्यूयॉर्क के सेंट्रल पार्क में 29 जनवरी को उस समय लोग हैरान रह गए जब वहां पर 130 सालों के बाद एक बर्फीला उल्लू (Snowy Owl) दिखाई दिया. यह बेहद दुर्लभ पक्षी है, इसलिए भी लोगों में इसे लेकर काफी कौतूहल था. लोग इसकी तस्वीरें ले रहे थे, वीडियो बना रहे थे. थोड़ी ही देर में ये खबर माइक्रोब्लॉगिंग साइट पर वायरल हो गई. लोगों ने इसकी तस्वीरें और वीडियो ट्वीट करने शुरू कर दिए. आइए जानते है इस दुर्लभ पक्षी के बारे में...

मैनहट्टन बर्ड एलर्ट ने अपने ट्विटर एकाउंट से ट्वीट किया और कहा कि सेंट्रल पार्क में अत्यधिक दुर्लभ बर्फीला उल्लू (Snowy Owl) दिखाई पड़ा है. इस ट्वीट में पोस्ट किए गए 30 सेकेंड के वीडियो में दिखाया गया है कि कैसे बर्फीला उल्लू (Snowy Owl) सेंट्रल पार्क में मौजूद कौवों के साथ मस्ती कर रहा है. इससे पहले यह उल्लू 1890 में दिखाई दिया था.
थोड़ी ही देर में इस ट्वीट को 85 हजार से ज्यादा लोगों ने देखा. इसपर 2400 लाइक्स आए. इसे करीब 590 बार रीट्वीट किया गया. वीडियो में दिखाई दे रहा है कि कैसे बर्फीला उल्लू (Snowy Owl) बार-बार अपनी गर्दन चारों तरफ घुमाकर आसपास का नजारा ले रहा है.


बर्फीले उल्लू (Snowy Owl) का वैज्ञानिक नाम बूबो स्कैन्डियाकस (Bubo Scandiacus) है. आमतौर पर ये उल्लू आर्कटिक इलाके में पाए जाते हैं. लेकिन कुछ प्रजातियां उत्तरी अमेरिका के बर्फीले इलाकों में भी दिखाई देते हैं. इन उल्लुओं के शरीर पर सफेद, काले और भूरे रंग का मिश्रण होता है. ये दिन में सोते हैं और रात में शिकार करते हैं.
बर्फीले उल्लू (Snowy Owl) की एक खास बात होती है. ये एक जगह पर टिकता नहीं है. यानी स्थाई तौर पर घोंसला नहीं बनाता. साल में एक बार प्रजनन करने के लिए ये पलायन करते हैं. अगर प्रजनन की वजह से पलायन नहीं होता तो शिकार खोजने या फिर खुद शिकार होने से बचने के लिए अलग-अलग ठंडी जगहों पर घूमते रहते हैं.
हाल ही में हुए एक सर्वे के मुताबिक आर्कटिक क्षेत्र और उत्तरी अमेरिका में कुल मिलाकर इनकी आबादी करीब एक लाख के आसपास होगी. इन्हें दुर्लभ इसलिए भी कहा जाता है क्योंकि गर्म इलाकों में जल्दी नहीं आते. इसलिए दिखाई नहीं देते. बस ये आर्कटिक सर्किल के आसपास के सर्दी वाले इलाकों में घूमते रहते हैं.
बर्फीले उल्लू (Snowy Owl) के बारे में सबसे पहले पक्षीविद कार्ल लीनियस (Carl Linnaeus) ने 1758 में सिस्टेमा नेचुरे के दसवें संस्करण में बताया था. आमतौर पर बर्फीला उल्लू (Snowy Owl) अन्य आर्कटिक जीवों की तुलना में ज्यादा सफेद होता है. ये बर्फ में दिखाई नहीं देते.
बर्फीला उल्लू (Snowy Owl) सभी उल्लूओं की तुलना में आकार में बड़ा होता है. ये काफी ज्यादा वजनी भी होते हैं. एक वयस्क बर्फीला उल्लू (Snowy Owl) 21 से 26 इंच लंबा होता है. इनके पंखों का फैलाव 5 फीट 5 इंच तक जा सकता है. आमतौर पर यह 3.10 फीट तक फैलाव होता है. इनका वजन 1.46 किलोग्राम से 1.80 किलोग्राम तक होता है.
बर्फीले उल्लू (Snowy Owl) को पहचानना आसान है. क्योंकि ये एकदम सफेद होता है. इसके ऊपर काले और भूरे रंग के चकत्ते होते हैं. आंखों का रंग पीला होता है. इन उल्लुओं की आवाज काफी तेज होती है. ये कुत्ते की तरह भौंकने वाली आवाज निकालते हैं. ये आम उल्लुओं की तरह आवाज नहीं निकालते.
इनकी आवाज की लयबद्धता से यह तय होता है कि आसपास शिकार है, खतरा है, प्रजनन करने के लिए मादा को बुलाना है या फिर अन्य नर उल्लुओं से वर्चस्व की लड़ाई लड़नी है. इनकी आवाज 11 किलोमीटर दूर तक सुनाई देती है. लेकिन मादा बर्फीले उल्लू (Snowy Owl) की आवाज ज्यादा तेज होती है.
बर्फीले उल्लू (Snowy Owl) को जब प्रजनन करना होता है तो ये 1.20 करोड़ वर्ग किलोमीटर तक अपने साथी को खोजने के लिए निकल सकते हैं. सामूहिक तौर पर ये प्रजनन के लिए 3 से 9 साल के अंतर पर एक बार ही निकलते हैं. आमतौर पर गिने-चुने बर्फीले उल्लू (Snowy Owl) प्रजनन के लिए इतनी दूर तक पलायन करते हैं.
बर्फीला उल्लू (Snowy Owl) आमतौर पर सर्दियों में ज्यादा सक्रिय रहता है. क्योंकि बर्फ की वजह से खाना खोजने में काफी दिक्कत होती है. ये छोटे जीवों का शिकार करते हैं. इनकी आंखों में प्राकृतिक तौर पर नाइट विजन डिवाइसेस लगी होती हैं जो रात में शिकार खोजने में मदद करती हैं. कई बार तो ये बतख जैसे बड़े पक्षियों का शिकार भी करते हैं.
बर्फीला उल्लू (Snowy Owl) सामान्य तौर पर 25 से 30 साल तक जिंदा रहता है. लेकिन जंगलों में इनकी जिंदगी अगर 10 साल भी चल जाए तो ये बड़ी बात होती है. क्योंकि इनसे बड़े शिकारी जीव इनका शिकार कर लेते हैं. कई बार इनका शिकार इंसान भी करते हैं.
क्लाइमेट चेंज की वजह से आर्कटिक के इलाके में लगातार बर्फ पिघल रही है. तापमान में लगातार इजाफा हो रहा है. इसलिए बर्फीले उल्लुओं (Snowy Owl) को अब दिक्कत आने लगी है. पलायन, बैक्टीरिया, वायरस, शिकार, प्राकृतिक आपदाओं की वजह से ये खत्म हो रहे हैं. बर्फीला उल्लू (Snowy Owl) क्यूबेक, फ्रांस और कनाडा के एविएशन का प्रतीक चिन्ह भी है.

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