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प्लेन में इसलिए जलाई जाती हैं डिम लाइट्स, पायलट्स को नहीं मिलता पैसेंजर्स वाला खाना

Tulsi Rao
19 May 2022 2:37 PM GMT
प्लेन में इसलिए जलाई जाती हैं डिम लाइट्स, पायलट्स को नहीं मिलता पैसेंजर्स वाला खाना
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Interesting facts about Airplanes: वैसे तो यात्रा करने के तमाम तरीके हैं. लेकिन फिर भी हवाई जहाज की यात्रा को काफी सुखद और समय बचाऊ माना जाता है. समय ही एक ऐसा कारण है कि प्लेन में सफर करने वाले यात्रियों की संख्या काफी बढ़ गई है. लेकिन आपको बता दें कि ऐसे कई राज हैं जिन्हें कि एयरलाइंस कंपनियां छिपा कर रखती है. ऐसे में आइए जानते हैं, हवाई यात्रा और एयरलाइंस कंपनी से जुड़े कुछ रोमांचक फैक्ट्स...

प्लेन में इसलिए जलाई जाती हैं डिम लाइट्स
कई लोगों को लगता है कि फ्लाइट में धीमी लाइट्स इसलिए जलाई जाती हैं, ताकि यात्रियों की आंखों को आराम मिले और वह सोते हुए अपना सफर तय कर सकें. लेकिन इन सब कारणों से अलग प्लेन में धीमी लाइट्स इसलिए जलाई जाती है कि पॉवर सप्लाई में बचत हो. दरअसल रन-वे पर लैंडिंग या टेक ऑफ के दौरान प्लेन को एक्स्ट्रा पॉवर की जरूरत होती है, जिसकी वजह से फ्लाइट में जल रही सभी लाइट्स एकदम से बंद हो जाती हैं और उनकी जगह पर बहुत ही डिम यानि धीमी लाइट्स जल जाती हैं.
पायलट्स को नहीं मिलता पैसेंजर्स वाला खाना
क्या आपको पता है कि फ्लाइट में आपको जो खाना मिलता है वो पयलट को मिलने वाले खाने से अलग होता है. एयरलाइन्स कंपनियां पायलट्स को पैसेंजर्स के अलग खाना सर्व करती हैं. दरअसल हवाई सफर के दौरान पायलट को हल्का फुल्का खाना परोसा जाता है, जो आसानी से डाइजेस्ट हो जाता है. अगर पायलट को यात्रियों की तला, भुना या ज्यादा मसालेदार भोजन दिया जाए, तो वह पेट खराब होने की वजह से टॉयलेट में ही फंसा रह जाएगा.
ऊंचाई पर ले जाकर सो जाते हैं पायलट
सोचिए कि आप एक प्लेन में बैठे हों और आपका पायलट सो जाए तो कैसा रहेगा. ये सुनने में थोड़ा डरावना है लेकिन यही सच है. दरअसल ऊंचाई पर जाने के बाद प्लेन के अंदर एयर पॉकेट बनने लगता है, जिसकी वजह से पायलट को नींद आने का अहसास होता है. ऐसे में पायलट सोने से पहले प्लेन का ऑटो पायलट मोड ऑन कर देता है. लेकिन घबराइए नहीं एक पायलट के सोने के बाद दूसरा पायलट जगा रहता है. इस तरह पायलट के सो जाने के बाद भी प्लेन आराम से हवा में उड़ता रहता है.


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