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यह है दुनिया की सबसे खतरनाक झील, इसके पानी में जाते ही मूर्ति बन जाते हैं जानवर

Teja
22 Feb 2023 1:43 PM GMT
यह है दुनिया की सबसे खतरनाक झील, इसके पानी में जाते ही मूर्ति बन जाते हैं जानवर
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जनता से रिश्ता वेब डेस्क। बचपन में हम कई तरह की कहानियां सुनते हैं जिसमें कभी ना कभी यह सुनने में भी आया होगा कि जीवित जानवर पत्थर के बन जाते हैं। इन कहानियों पर यकीन करना तो थोड़ा मुश्किल है। लेकिन जब हम आपको ये कहे कि ऐसा वाकई में होता है तो हैरान होना वाजिब से बात है। आज हम आपको ऐसी जगह की जानकारी देते हैं जहां पर कहानियों में सुनी गई यह बात वाकई में सच होती है।

एक ऐसी झील है जिसमें अगर कोई जानवर या पक्षी जाता है तो वह पत्थर का बन जाता है। यह खतरनाक झील मेडुसा लेक और जॉम्बी लेक के नाम से जानी जाती है। इसका नाम ग्रीक माइथॉलजी में दिए गए एक कैरेक्टर मेडुसा के ऊपर रखा गया है, जो बहुत डरावनी दिखती है।

कहानी में बताया गया है कि वह जिसे भी देखती है वह पत्थर का बन जाता है। ठीक उसी तरह तंजानिया में यह खतरनाक झील मौजूद है जो नेट्रॉन झील के नाम से जानी जाती है। आरूषा क्षेत्र के जिले में ये झील पड़ती है।

इस जगह है

इस झील से जुड़ी जो बातें बताई गई हैं उसके मुताबिक यह बहुत ही विशाल और लाल रंग की है। इसके अंदर आपको कई पशु पक्षी और जानवरों की मूर्तियां दिखाई देंगी। असल में यह मूर्तियां नहीं है बल्कि लाश है जो मूर्ति की तरह दिखाई देती है। इस दृश्य को देखने वाला कोई भी इंसान डर जाएगा। स्थानीय लोग इस इलाके में जाने से डरते हैं क्योंकि उनका कहना है कि यह झील शापित है।ये है कारण

इस झील में जाने वाले पशु पक्षी जब पत्थर बनने लगे तो वैज्ञानिकों ने इसकी वजह जानने की कोशिश की। जब रिसर्च की गई तो यह सामने आया कि ऐसा इस झील में मौजूद पानी के वजह से होता है।

जानकारी के मुताबिक इस झील के पानी में ज्यादा मात्रा में एल्कलाइन मौजूद है जिस वजह से पानी का पीएच लेवल 10.5 है। दोइन्यो लेंगाई ज्वालामुखी की वजह से यहां के पानी में एलटी लाइन की मात्रा बढ़ी हुई है। ज्वालामुखी से जो लावा निकलता है वह आकर इस झील के पानी में मिलता है और एल्कलाइन के लेवल को बढ़ाकर इस जगह को खतरनाक बना देता है।

यह दुनिया में इकलौता ऐसा ज्वालामुखी है जिसके लावा में नेट्रोकार्बोनाइट निकलते हैं। इतना ही नहीं इस झील के पानी में कई ऐसे केमिकल मौजूद हैं जिनकी वजह से पशु पक्षियों की लाश सड़ने की की प्रक्रिया धीमी हो जाती है और यह देखने में मूर्ति की तरह दिखाई देने लगते हैं।




जनता से रिश्ता इस खबर की पुष्टि नहीं करता है ये खबर जनसरोकार के माध्यम से मिली है और ये खबर सोशल मीडिया में वायरल हो रही थी जिसके चलते इस खबर को प्रकाशित की जा रही है। इस पर जनता से रिश्ता खबर की सच्चाई को लेकर कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं करता है।

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