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water on the Rudralingas : रुद्रलिंगों पर अविरल जलधारा पांडवों की है ये तपोस्थली
Deepa Sahu
4 Jun 2024 11:45 AM GMT
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water on the Rudralingas: राजस्थान के दौसा की भूमि संत महात्माओं की धरती है. यहां के कई मंदिर और धर्म स्थल प्रसिद्ध हैं. इनसे जुड़े कई किस्से और किंवदंतियां हैं. ऐसा ही एक स्थान है झांझीरामपुरा. कहते हैं यहां पानी की अविरल धारा बह रही है. लेकिन ये कहां से आ रही है कोई नहीं जानता.
दौसा जिले में अनेक साधु संतों ने जन्म लिया. यहां कई मंदिरों से जुड़े अनेक रहस्य हैं जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं. ऐसा ही एक स्थल है बांदीकुई उपखण्ड क्षेत्र में पहाड़ियों से घिरा झांझीरामपुरा. जैसे जैसे इसके बारे में प्रसिद्धि फैल रही है ये जगह भी लोगों की आस्था का केन्द्र बनता जा रहा है. कहते हैं यहां पहाड़ों से झरने के रूप में गोमुख से अविरल जलधारा बहती है. यह पानी गौमुख कुण्ड से आगे स्थित बड़े कुण्ड से होकर बाहर वाले कुण्ड में होते हुए कमल कुण्ड में जाता है. पहाड़ी से गौ-मुख में होकर आने वाला पानी ऊपर किसी को दिखाई नहीं देता है. इस गौ-मुख में वर्षभर पानी आता है कुण्ड में लोग स्नान करते हैं.
झाझीरामपुरा का धार्मिक महत्व महंत मनोज अवस्थी ने बतायाjhanjirampura तीर्थस्थल महाभारत काल की तपोभूमि है. अरावली के पहाड़ों में संत तपस्या करते थे. पांडवों ने वनवास के समय अस्त्र शस्त्रों की प्राप्ति के लिए बाबा भूरासिद्ध महाराज के सान्निध में रुद्रदेव की उपासना शुरू की थी. पांडवों और भूरासिद्ध महाराज की कठोर तपस्या से एकादश रुद्र प्रकट हुए. उसी दिन से रुद्रों के ऊपर गंगा जल से अविरल जलाभिषेक हो रहा है. मंदिर के गर्भगृह में भगवान शिव और उनके वामांग में मॉ पार्वती नंदी पर हैं. भगवान शिव के बायीं और दायीं तरफ पांच-पांच रुद्रलिंग प्रतिष्ठित हैं. इन सभी एकादश रुद्रों पर प्रकृति स्वयं जलाभिषेक कर रही है.
आस-पास सूखा, कुंड में अविरल धारा स्थानीय महिला कमला ब्याडवाल बताती हैं झांझीरामपुरा धार्मिक स्थल के आसपास पानी की विकट समस्या होने लगी है. लेकिन झांझीरामपुरा धार्मिक स्थल पर लगातार गोमुख से पानी आ रहा है. ये पानी कहां से आता है इसके बारे में कोई नहीं जानता. यहां प्रतिवर्ष हजारों श्रद्धालु विशेष कर श्रावण मास में आते हैं.
सावन और जन्माष्टमी पर कार्यक्रम स्थानीय लोगों ने बताया श्रावण मास में प्रथम सोमवार महिला पुरुषों की अधिक संख्या रहती है. यहां मेला भी लगता है. हालांकि श्रावण माह के सभी सोमवारों को महिलाएं अधिक पहुंचती हैं. विशेष कर जन्माष्टमी पर यहां हजारों की संख्या में श्रद्धालु मौजूद रहते हैं.
झांझीरामपुर तक कैसे पहुंचें दौसा जिला मुख्यालय से करीब 50 Kilometer Distanceपर यह धार्मिक स्थल है. बांदीकुई उपखंड क्षेत्र का आखिरी गांव है. अलवर गंगापुर मेगा हाईवे से इसकी करीब 5 किलोमीटर की दूरी है. इसके लिए श्रावण महीने में तो किराए पर वाहन मिल जाते हैं लेकिन अन्य महीनों में यहां आने की कोई व्यवस्था नहीं है. ज्यादातर श्रद्धालु अपने निजी वाहन से यहां आते हैं.
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Deepa Sahu
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