जरा हटके
ये है धरती का सबसे अमीर शख्स, बिल गेट्स, जेफ बेजोस और एलन मस्क जैसे बिजनेसमैन इनके सामने कुछ नहीं
jantaserishta.com
1 Jun 2021 10:48 AM GMT
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बिल गेट्स, जेफ बेजोस और एलन मस्क जैसे बिजनेसमैन अक्सर अपनी संपत्ति को लेकर चर्चा में रहते हैं और पिछले कई सालों में ये दुनिया के सबसे अमीर शख्स रह चुके हैं लेकिन अगर इन तीनों शख्सियतों की संपत्ति को मिला भी दिया जाए तो भी ये अफ्रीका के राजा मूसा की बराबरी नहीं कर सकते हैं.
कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय में इतिहास के एसोसिएट प्रोफेसर रूडोल्फ बुच वेयर ने बीबीसी से बातचीत में कहा था कि 'मूसा की संपत्ति का समकालीन विवरण इतना हैरतअंगेज है कि यह समझना लगभग असंभव है कि वह वास्तव में कितना धनी और शक्तिशाली था. वही जैकब डेविडसन ने कहा था कि मूसा धरती का सबसे ज्यादा अमीर व्यक्ति था.
साल 2012 में अमेरिकी की एक सेलेब्रिटी वेबसाइट ने उनकी संपत्ति को 400 बिलियन डॉलर्स यानी 300 खरब के आसपास आंका था लेकिन कई इतिहासकारों का कहना है कि मूसा के पास इतना धन था कि उनकी संपत्ति को एक संख्या तक सीमित करना लगभग असंभव है.
14वीं शताब्दी के पश्चिमी अफ्रीकी शासक मनसा मूसा का जन्म 1280 में हुआ था. उनके भाई, मनसा अबू-बक्र ने 1312 तक साम्राज्य पर शासन किया. 14वीं शताब्दी के सीरियाई इतिहासकार शिबाब अल-उमरी के अनुसार, अबू-बक्र अटलांटिक महासागर और उसके पार की दुनिया को लेकर बहुत उत्सुक रहता था.
मनसा अबू-बक्र कथित तौर पर 2,000 जहाजों और हजारों पुरुषों, महिलाओं और दासों के बेड़े के साथ वहां जाने का फैसला किया लेकिन वे कभी लौटकर नहीं आए. इसके बाद ही मनसा मूसा ने साल 1312 में गद्दी संभाली और उनके शासन में माली का जबरदस्त विकास देखने को मिला. मूसा ने 24 से अधिक शहरों पर कब्जा भी किया था. उनका साम्राज्य 2000 मील तक फैला हुआ था.
मूसा के साम्राज्य मे सोने और नमक जैसे महत्वपूर्ण संसाधन का भी भंडार था. ब्रिटिश संग्रहालय के अनुसार, मनसा मूसा के शासनकाल के दौरान, माली के साम्राज्य में प्राचीन दुनिया के सोने का लगभग आधा हिस्सा था और ये सब मूसा का था. सोने और अन्य सामानों का व्यापार करने वाले प्रमुख व्यापारिक केंद्र भी उनके क्षेत्र में ही थे.
मूसा का शासन ऐसे समय में आया जब यूरोपियन देश गृहयुद्धों और संसाधनों की कमी के चलते संघर्ष कर रहे थे. उस दौर में सोने और नमक जैसे महत्वपूर्ण प्राकृतिक संसाधनों के कारण माली का साम्राज्य काफी फला-फूला. दुनिया को मूसा की ताकत का तब अंदाजा हुआ जब उसने हज पर जाने का फैसला किया था.
रिपोर्ट्स के अनुसार, मूसा हज जाने के लिए 60 हजार लोगों के साथ निकला था जिनमें 12 हजार गुलाम भी शामिल थे. इस बीच रास्ते में सहारा रेगिस्तान और मिस्त्र देश भी आया. महज तीन महीने कायरो में बिताने वाले मूसा ने इस क्षेत्र में इतना सोना बांटा कि मिस्त्र में सोने के दाम धड़ाम हो गए और इस क्षेत्र की इकोनॉमी दस सालों तक मूसा के प्रभाव से नहीं उबर पाई.
मूसा कई इस्लामिक स्कॉलर्स के साथ मक्का से लौटे थे. इनमें अबू अस हक भी शामिल थे जिन्होंने मशहूर Djinguereber मस्जिद को डिजाइन कराया था. रिपोर्ट्स के अनुसार, मूसा ने इस कवि को 200 किलो सोना दिया था जो आज के दौर में 8 मिलियन डॉलर्स से अधिक होता.
अमेरिकी कंपनी स्मार्ट एसेट के अनुसार, मूसा की हज यात्रा के चलते मिडिल ईस्ट को 1.5 बिलियन डॉलर्स की भारी-भरकम राशि का नुकसान हुआ था. हालांकि हज से वापस लौटते समय उसने एक बार फिर मिस्त्र की इकोनॉमी को बेहतर करने में मदद की थी.
स्कूल ऑफ अफ्रीकन एंड ओरिएंटल स्टडीज की छात्रा लूसी डुरेन के मुताबिक, मूसा ने इतना अधिक सोना बांटा था कि माली के स्थानीय लोग उनसे नाराज रहने लगे थे लेकिन इसके बावजूद उनकी संपत्ति में कोई खास बदलाव नहीं देखने को मिला था.
साल 1337 में मूसा की मौत 57 साल की उम्र में हुई थी. इसके बाद उनकी सत्ता को उनके बेटों ने संभाला था लेकिन उनके राज में मूसा का साम्राज्य लड़खड़ाने लगा. इसके बाद इस क्षेत्र में यूरोपियन्स के आगमन ने चीजों को और ज्यादा बदतर कर दिया था. गौरतलब है कि आज माली दुनिया के दस सबसे गरीब देशों में शुमार है.
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