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भारत में गाय को मां का दर्जा दिया जाता है. अगर बच्चा जन्म के बाद अपनी मां का दूध नहीं पी रहा है,
भारत में गाय को मां का दर्जा दिया जाता है. अगर बच्चा जन्म के बाद अपनी मां का दूध नहीं पी रहा है, तो उसे गाय का दूध दिया जाता है. इसके अलावा गाय को भगवान कृष्ण की सवारी के तौर पर भी पूजा जाता है. हालांकि, विदेशों में ऐसे कई देश हैं, जहां गाय को काटकर खाया जाता है. जबकि भारत में इसका मांस प्रतिबंधित है. लेकिन कहते हैं ना कि अगर मन में किसी के प्रति प्यार आ जाए, तो ये भावना मरते दम तक खत्म नहीं होती.
इंग्लैंड में रहने वाले जॉर्ज ब्रूक्स को भी अपनी गायों से यही प्रेम हो गया था. जब उसकी मौत हुई, तो उसके शव को ट्रैक्टर पर लादकर वापस उसके खेतों में लाया गया. यहां गौशाला में उसकी गायों से उसकी लाश की अंतिम मुलाक़ात करवाई गई. दरअसल, जॉर्ज की आखिरी इच्छा थी कि उसके अंतिम संस्कार से पहले उसे गायों से मिलाया जाए. इसी विश को जॉर्ज के घरवालों ने पूरा किया.
गायों से था बेहद लगाव
StaffordshireLive में छपी खबर के मुताबिक़, जॉर्ज की मौत 31 जुलाई को हुई थी. अंतिम संस्कार से पहले उसकी बॉडी को उसके गांव लाया गया था. वहां उसके गौशाला में बंधे कई गायों के पास उसकी बॉडी को थोड़ी डेटर के लिए छोड़ दिया गया. जॉर्ज के घरवालों के मुताबिक़, जॉर्ज को ये काफी अच्छा लगा होगा. ऐसा इसलिए कि जीते जी उसे कुछ बेहद प्यारा था तो वो थीं ये गायें.
मशहूर था किसान
जॉर्ज के बेटे डेविड ने बताया कि उसके पिता भले ही शहर में शिफ्ट हो गए थे, लेकिन हर कुछ दिनों में अपने गांव जाते थे. उन्हें खेती से काफी लगाव था. यही वजह डेविड भी खेती में रुचि रखता है. जब उसके पिता की मौत हुई, तो डेविड ने अपने पिता की बॉडी को एक ट्रैक्टर में भरकर वापस अपने गांव ले गया. वहां गायों के बीच उसकी बॉडी को थोड़ी देर छोड़ दिया गया. जॉर्ज के अंतिम संस्कार में तीन सौ से ज्यादा लोग शामिल हुए. फिलहाल इस यूनिक फ्यूनरल की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है
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