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हाथ-पैर का इस्तेमाल कर के चलता है परिवार
जनता से रिश्ता वेबडेस्क।बच्चे अक्सर ये सवाल करते हैं कि जानवर चार पैरों पर कैसे चलते हैं और इंसान अपने हाथ और पैर की मदद से क्यों नहीं चलते. शायद जानवर भी इंसानों को देखकर ये सोचते होंगे कि काश वो भी दो पैरों पर चल पाते. पर क्या आपने कभी किसी इंसान को अपने हाथ-पैर (Humans Walking Using Hands and Legs) के बल पर चलते हुए देखा है? शायद आपने कभी नहीं देखा होगा मगर आज हम आपको एक ऐसे परिवार के बारे में बताने जा रहे हैं जो जानवरों की तरह अपने हाथ-पैर (Family Walk Like Animals on all Fours) का इस्तेमाल कर के चलता है. इनके बारे में जानकर वैज्ञानिक भी हैरान हैं.
तुर्की (Turkish Family Walks Using Hands and Legs) के एक छोटे से गांव में अजीबोगरीब परिवार (Weird Turkish Family) रहता है. इस परिवार के लोग अपने दो पैरों पर नहीं हाथ-पैर का इस्तेमाल कर के चलते हैं. इन्हें देखकर ऐसा लगता है जैसे हजारों सालों के इवोल्यूशन का इनके ऊपर कोई असर नहीं पड़ा है. शुरुआती वक्त में तुर्की के वैज्ञानिकों ने इसे बैकवर्ड इवोल्यूशन (Backward Evolution) यानी पीछे जाते हुए इंसानी विकास का नाम दिया. मगर अब वैज्ञानिक इनके बारे में समझ गए हैं.
दिमागी बीमारी के कारण हाथ-पैर का इस्तेमाल कर के चलता है परिवार
रेसिट (Resit) और हैटिस उलास (Hatice Ulas) का परिवार लंबे वक्त तक दुनिया की नजरों से दूर रहे और लोगों को उनके बारे में नहीं पता चला मगर साल 2005 में जब ब्रिटिश साइंटिस्ट ने एक तुर्की प्रोफेसर का अप्रकाशित पेपर देखा तो उनके होश उड़ गए. इस पेपर में वैज्ञानिक ने उलास परिवार (Ulas Family) के बारे में बात की थी जो 'quadrupedal locomotion' का सहारा लेकर चलता है. इसका अर्थ है चार पैरों पर चलना जैसे कई जानवर चलते हैं. तब उन्होंने दावा किया कि परिवार को यूनर टैन सिंड्रोम है जिसमें लोग पैर के साथ-साथ हाथों का इस्तेमाल कर के भी चलने लगते हैं. बैकवर्ड इवोल्यूशन से शुरू हुई थ्योरी जब यहां तक आई तो वैज्ञानिकों की परिवार के बारे में जानने की रुचि और बढ़ी. तब जाकर पता चला कि हाथ-पैर का इस्तेमाल कर के चलने वाले इस परिवार को जेनेटिक समस्या है. इन भाई-बहनों को कोजेनेटिल ब्रेन इमपेयरमेंट और सेरिबेलर एन्टाक्सिया (congenital brain impairment and cerebellar ataxia) की दिमागी समस्या है जिसमें दो पैरों पर संतुलन बना पाना बेहद मुश्किल होता है इसलिए ये हाथों का सहारा लेकर भी चलते हैं.
हाथ-पैर के सहारे कई किलोमीटर चल लेता है एक भाई
आपको बता दें कि रेसिट और हैटिस उलास दो पैरों पर ही चलते थे. मगर उनके 19 बच्चों में से 5 ऐसे निकले जो दो की जगह चार यानी हाथ और पैर का इस्तेमाल कर के चलने लगे. अब 25 से 41 साल तक के हो चुके ये भाई-बहन दुनिया के सामने आ चुके हैं मगर पहले इन्हें काफी बेइज्जती का सामना करना पड़ा था. गांव वाले उन्हें पत्थर मारते थे और गालिया देते थे इस वजह से भाई-बहन कभी स्कूल ही नहीं गए और अपने घर के इर्द-गिर्द ही घूमते थे. हालांकि उन्होंने इतनी कुर्दिश भाषा सीख ली कि उनका काम चल जाता था. इनमें से एक भाई हुसैन तो इस तरह कई किलोमीटर तक चल लेता है. एक छठा भाई भी हाथ-पैर का इस्तेमाल कर के चलता था मगर 5 साल की उम्र में उनकी मौत हो गई.
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