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इन आविष्कारों ने दुनियाभर में बदल दी लोगों की जिंदगी

Gulabi Jagat
2 Aug 2022 3:12 PM GMT
इन आविष्कारों ने दुनियाभर में बदल दी लोगों की जिंदगी
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दुनियाभर में बदल दी लोगों की जिंदगी
किसी भी चीज का आविष्कार आसान नहीं होता. कई बार तो ये किसी के दिमाग में भी नहीं होता कि ऐसी कोई चीज दुनिया में बन सकती है, जो देखते ही देखते दुनिया को बदल देगी. पिछले कुछ तमाम ऐसे आविष्कार हुए हैं, लेकिन इनमें से कुछ ऐसे थे, जिनका असर व्यापक तौर पर दुनिया और उसमें रहने वाले लोगों की जिंदगियों पर पड़ा.
टैबलेट के तौर पर दवाइयां - पहले दवाइयों का मतलब केवल और केवल लिक्विड फॉर्म ही होता था लेकिन आज के समय में जिस कैप्सूल और दवाइयों के रूप में हम दवाइयां ले रहे हैं, उसकी कल्पना को साकार करने का श्रेय जाता है अमेरिका के विलियम उपजॉन को. विलियम मिशीगन यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट थे. उन्होंंने 1875 में दवाइयों के लि‍क्विड फॉर्म पर रिसर्च करना शुरू की. बाद में मरीज को दवा देने के सबसे बेहतरीन विकल्प को खोज निकाला. दुनिया को मेडिसिन के रूप में पिल्स् विलियम की ही देन है.
एटीएम - कभी बैंकों में अपने ही पैसे निकालने के लिए लंबी लाइन लगाने के चक्कर में दुनिया अपना बहुत सा समय जाया करती थी, लेकिन आज एटीएम यानी की ऑटोमेटिक टेलर मशीन के अविष्कार ने पूरी दुनिया में पैसे के हस्तांत्रण को आसान बना दिया है. इस जादुई मशीन के अविष्कार का श्रेय जाता है जैम्स गुड फेलो को। ब्रिटेन के रहने वाले फेलो एटीएम के साथ ही एटीएम पिन के भी जनक माने जाते हैं उनके इस अविष्कार ने पूरी दुनिया बदल दी.
फ्लश टॉयलेट : आज जबकि हमारे देश में शौचालय निर्माण एक आंदोलन का रूप लेने जा रहा है, ऐसे में सर जॉन हैरिंगटन ऐसे व्यक्ति रहे, जिन्होंने 1596 में पहला फ्लश टॉयलेट बनाया. उनके इस अविष्कार ने पूरी दुनिया में एक क्रांति कर दी. आज भी जो फ्लश टॉयलेट का इस्ते माल किया जा रहा है, वह उनकी ही देन है. कमाल की बात है कि पिछले सौ सालों में भी फ्लश टॉयलेट में बहुत ज्यादा परिवर्तन नहीं हुए.
चॉकलेट - जिस चॉकलेट को हम हर शॉप और छोटी मोटी दुकान में आज देखते हैं, उसे हर एक व्यक्ति तक पहुंचाने का श्रेय जाता है ब्रिटेन के जॉसेफ फ्रे को. उन्हों ने न केवल चॉकलेट को हॉर्ड फॉर्म में तब्दील किया, बल्कि कोका बटर को पहली बार सॉलिड चॉकलेट में बदला. पहली चॉकलेट उन्होंने 1847 में बनाई. उनके इस अविष्कार से पहले चॉकलेट एक बहुत ही महंगी वस्तुमानी जाती थी, और उसे केवल अमीर लोग ही खा सकते थे.
मॉर्डन कंप्यूटर प्रोग्रामिंग - वैसे कंप्यूटर ने तो पूरी दुनिया ही बदल दी, लेकिन मॉर्डन टेक्नॉलॉजी में जिस सी प्रोग्रामिंग और यूनिक्सी का अविष्का्र किया उसका श्रेय जाता है डेनिस रिची को. डेनिस ने इस प्रोग्रामिंग से कंप्यूटर सॉफ्टवेयर की दुनिया में क्रांति ला दी. उनकी कंप्‍यूटर प्रोग्रामिंग लैंग्वेज का आज भी मॉर्डन सिस्टम में प्रयोग हो रहा है. हालांकि उनके अविष्कार में लगातार अपडेशन होता रहा, लेकिन बेसिस्‍क आज भी उनके ही यूज में आ रहे हैं.
कार सीट बेल्ट - हंटर शेल्डन ने कार में सीट बेल्‍ट का अविष्कार किया. उनका यह अविष्कार ऑटो मोबाइल की दुनिया में कार चालक की सुरक्षा के लिए वरदान साबित हुआ. दरअसल, हंटर शेल्डन एक न्यूरोसर्जन थे और उनके हॉस्पिटल में सिर और छाती से जुड़ी गंभीर चोट के मरीज आते थे, जिसके बाद उन्होंने इसकी रोक के लिए कारों में इस तरह के बेल्टं का अविष्कार किया. उनके द्वारा किया गया यह अविष्कार आज भी दुनिया में कार चलाने वालों के लिए एक सुरक्षा कवच की तरह कार्य करता है.
टाइप राइटर - हालांकि बीते साल ही देश से टाइप राइटर बनना बंद हो गया और पूरी दुनिया में भी इसका चलन बहुत कम हो गया, लेकिन इसके अविष्कार ने पूरी दुनिया में एक क्रांति पैदा कर दी. टाइप राइटर का अविष्कार एक इतावली पेलिग्रेनो टूरी ने किया था. पहला टाइप राइटर चलने में धीमा था, लेकिन आज के मॉडर्न टाइम में भी इसके की बोर्ड का प्रयोग हो रहा है.
स्माइली - स्मार्ट फोन में व्हाट्स अप पर स्माइली सिम्बॉल, जिन्हें ईमॉटिकॉन कहा जाता है का अविष्कार स्कॉट फैलहैम ने किया था. वे सेंट पीट्सबर्ग में कॉरनिज मैलन यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर थे. उन्होंने पहली बार ईमॉटिकॉन का प्रयोग करते हुए एक लेटर 1982 में लिखा था. उनके इस यूनिक और बेहद क्रिएटिव इन्वेंरशन ने पूरी दुनिया को टेक्ट्स के साथ अपने इमोशंस भेजने का रास्ता सुझाया. स्कॉट इस अविष्कांर के लिए हमेशा जाने जाएंगे.
इलेक्ट्रॉनिक गिटार - इलेक्ट्रॉनिक गिटार का अविष्कार अमेरिका के एडोल्फ रेचनबेकर ने किया था .हालांकि इलेक्ट्रॉनिक गिटार के अविष्कारक के रूप में दुनिया लैस पॉल का नाम जानती है, लेकिन कम ही लोग जानते हैं कि इलेक्ट्रॉनिक गिटार का अविष्कारर एडोल्फ रेचनबेकर ने किया था. लैस पॉल ने इस गिटार को अपग्रेड किया था. एडोल्फ के इस अविष्कार ने संगीत के क्षेत्र में एक क्रांति कर दी.
एयर कंडीशनर - तेज धूप और तेज गर्मी में किसी ठंडे और कूल-कूल कमरे की कल्पना को साकार करने का काम विलीस हैविलैंड ने ही किया था. उन्होंने एसी यानी की एयर कंडीशन का अविष्कार किया था. उन्होंने 1901 में अपनी एयर कंडीशनिंग मशीन का पटेंट कराया. कैरियर के इस अविष्कार ने दुनिया बदल दी. आज बाहर तपती धूप में हमारे कमरे की ठंडक का श्रेय विलीस को ही जाता है.
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