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ये खतरनाक कीड़ा जो शिकार की बॉडी को बदल देते हैं लिक्विड में... और फिर

Bharti sahu
12 Jan 2022 8:29 AM GMT
ये खतरनाक कीड़ा जो शिकार की बॉडी को बदल देते हैं लिक्विड में... और फिर
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हमारे घरों में कई तरह के कीड़े-मकोड़े देखे जाते हैं. कई बार घरों में सांप जैसा खतरनाक जीव निकल आता है.

हमारे घरों में कई तरह के कीड़े-मकोड़े देखे जाते हैं. कई बार घरों में सांप जैसा खतरनाक जीव निकल आता है. आज हम आपको एक ऐसे खतरनाक कीड़े के बारे में बताने जा रहे हैं, जिसके बारे में वैज्ञानिक कहते हैं कि यह इतना खतरनाक है कि इसे देखते ही मार देना चाहिए. इस कीड़े का नाम हैमरहेड वर्म (Hammerhead Worm) है.

हथौड़े की तरह होता है सिर
इस कीड़े का नाम हैमरहेड इसलिए है, क्योंकि इसके सिर का आकार हैमर यानी हथौड़े की तरह होता है. इस वजह से इस कीड़े का नाम हैमरहेड वर्म रखा गया है. वैसे तो यह कीड़ा ज्यादातर अमेरिका और यूरोप में पाया जाता है, लेकिन कई बार यह दुनिया के अन्य इलाकों में भी देखा जाता है. इस कीड़े का का मुख्य आहार अर्थवर्म्स (Earthworms) होते हैं.
बता दें कि अर्थवर्म्स हमारी प्रकृति के लिए बहुत फ्रेंडली होते हैं. अर्थवर्म्स की वजह से हमारे पेड़-पौधों की ग्रोथ काफी तेजी से होती है. हम सभी जानते हैं कि पूरा का पूरा इको सिस्टम हमारे पौधों पर ही निर्भर करता है. वहीं इन पौधों की ग्रोथ अर्थवर्म्स पर डिपेंड करती है. जबकि हैमरहेड अर्थवर्म्स को खा जाते हैं. अगर ऐसा होता रहा तो हमारा इको सिस्टम डिस्टर्ब हो जाएगा. इससे हमारी जिंदगी पर भी आफत आ जाएगी.
अर्थवर्म्स का ऐसे शिकार करते हैं हैमरहेड
आप जानकर खौफ में आ जाएंगे कि हैमरहेड वर्म अपने शिकार को लिक्विड बनाकर पी जाते हैं. हैमरहेड अपने शिकार यानी अर्थवर्म्स के पास एक चिपकने वाला तरल पदार्थ छोड़ने लगते हैं. इसे tetrodotoxin नामक केमिकल के नाम से जाना जाता है. जब हैमरहेड इस केमिकल को छोड़ते हैं तो अर्थवर्म्स उनसे चिपक जाते हैं. इसके बाद हैमरहेड अपने शिकार को वहां से दबोच लेते हैं.साइंटिस्ट कहते हैं कि हैमरहेड हमारे लिए बहुत ही ज्यादा हानिकारक हैं. साइंटिस्ट के अनुसार, हैमरहेड अपने केमिकल से शिकार की बॉडी को लिक्विड में बदल देते हैं अर्थात उसकी बॉडी को एक जूस की तरह बना देते हैं और उन्हें धीरे-धीरे पी जाते हैं. साइंटिस्ट कहते हैं कि यदि हैमरहेड हमारे सहयोगी अर्थवर्म्स का तेजी से शिकार करते रहेंगे, तो इससे हमारी प्रकृति पर बहुत बुरा असर पड़ेगा


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