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ये हैं दुनिया की सबसे ठंडी जगहें, माइनस इतने डिग्री तक पहुंचता है पारा

jantaserishta.com
28 Dec 2021 4:20 AM GMT
ये हैं दुनिया की सबसे ठंडी जगहें, माइनस इतने डिग्री तक पहुंचता है पारा
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नई दिल्ली: भारत में दिसंबर और जनवरी के महीने में कड़ाके की ठंड पड़ती है. यहां तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक नीचे गिर जाए तो लोग कांपना शुरू कर देते हैं. जबकि धरती पर कई ऐसी जगहें भी हैं जहां इससे कई गुना ज्यादा ठंड पड़ती है. यहां झील का पानी भी बर्फ बना रहता है और दूर-दूर तक सिर्फ ग्लेशियर ही दिखाई देते हैं. आइए आज आपको 10 ऐसी जगहों के बारे में बताते हैं.

प्रोस्पेक्ट ग्रीक, अलास्का (अमेरिका)
1970 के दशक के अंत में ट्रांस-अलास्का पाइपलाइन सिस्टम का निर्माण वर्कर्स के लिए एक बस्ती के रूप में किया गया था. आज यह गांव वीरान पड़ा है. 1971 में यहां तापमान -61 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था. ये बस्ती आज भी अमेरिका की सबसे ठंडी जगह कहलाती है.
स्नाग, यूकॉन प्रांत (कनाडा)
1947 में नॉर्थ-वेस्ट कनाडा के यूकॉन प्रांत में स्नाग का छोटा सा गांव सिर्फ 10 लोगों का घर हुआ करता था. यह गांव दूसरे विश्व युद्ध के दौरान इमरजेंसी लैंडिंग स्ट्रिप के रूप में इस्तेमाल होता था जो बाद में एक वेदर स्टेशन बन गया. यहां का तापमान -62 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया जा चुका है.
यकुत्स्क, साइबेरिया (रशिया)
यकुत्स्क का नाम दुनिया के सबसे ठंडे शहरों में गिना जाता है. हालांकि, इस जगह बहुत थोड़े समय के लिए गर्मी भी पड़ती है. साल 2011 में यहां का तापमान 38.4 डिग्री सेल्सियस तक चढ़ गया था. लेकिन वास्तव में ये जगह बेतहाशा ठंड के लिए प्रसिद्ध है. इसका तापमान -64.4 डिग्री सेल्सियस तक गिर चुका है. सर्दी के दिनों में शहर से लगती लेना नदी का पानी इतना जम जाता है कि सड़क के रूप में इसका इस्तेमाल किया जा सकता है.
नॉर्थ आइस (ग्रीनलैंड)
1950 के दशक में ब्रिटिश नॉर्थ ग्रीनलैंड अभियान के दौरान स्थापित यह रिसर्च स्टेशन नॉर्थ अमेरिका में सबसे कम तापमान का रिकॉर्ड बना चुका है. साल 1954 में यहां का न्यूनतम तापमान -61.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था.
ओम्याकॉन, साइबेरिया (रशिया)
ओम्याकॉन का नाम पृथ्वी की पर्मानेंट ठंडी रहने वाली जगहों में शुमार है. 1933 में यहां का तापमान -67.7 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया था. 500 लोगों की आबादी वाली इस जगह पर बच्चों के स्कूल भी तापमान -55 डिग्री सेल्सियस के नीचे जाने के बाद ही बंद होते हैं. जो कि सर्दियों में यहां का न्यूनतम तापमान हो सकता है.
क्लिंक स्टेशन (ग्रीनलैंड)
क्लिंक वेदर स्टेशन के नाम आर्कटिक सर्किल की सबसे ठंडी जगह होने का रिकॉर्ड है. सेंट्रल ग्रीनलैंड में बसी इस जगह ने दिसंबर 1991 में -69.6 डिग्री सेल्सियस के साथ ओम्याकॉन का रिकॉर्ड तोड़ा था. इतने कम तापमान के बावजूद ग्रीनलैंड के अधिकांश हिस्सों की बर्फ बहुत तेजी से पिघलती है.
देनाली, अलास्का (अमेरिका)
समुद्र तल से करीब 6000 मीटर ऊंचा माउंट डेनाली उत्तरी अमेरिका का सबसे ऊंचा पर्वत है. इस जगह का औसत तापमान -10 डिग्री सेल्सियस रहता है. इस पर चढ़ने का प्रयास करने वाले करीब आधे लोग ही इसकी चोटी तक पहुंच पाते हैं. इस जगह का तापमान -73 डिग्री सेल्सियस तक दर्ज किया जा चुका है.
अमुंडसेन स्कॉट स्टेशन (अंटार्कटिका)
दक्षिण ध्रुव पर स्थित अमुंडसेन स्कॉट स्टेशन साल 1956 में स्थापित किया गया था. यहां गर्मियों में छह महीने दिन निकलता है और सर्दियों में छह महीने अंधेरा छाया रहता है. ईस्ट अंटार्कटिक पठार के इस हिस्से में उच्चतम तापमान 2011 में क्रिसमस के दिन दर्ज किया गया था. जून 1982 में यहां तापमान -82 डिग्री रिकॉर्ड किया जा चुका है.
वोस्टोक स्टेशन (अंटार्कटिका)
वोस्टोक रिसर्च स्टेशन की स्थापना सोवियत संघ ने साल 1957 में की थी. जुलाई 1983 में इस जगह का तापमान -82.2 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच चुका है. यह धरती का सबसे शुष्क स्थान भी है. साल में यहां करीब 20 मिलीमीटर वर्षा होती है जो पूरी की पूरी बर्फ है.
ईस्टर्न अंटार्कटिका पठार (अंटार्कटिका)
ईस्टर्न अंटार्कटिका पठार के नाम दुनिया की सबसे ठंडी जगह होने का रिकॉर्ड दर्ज है. 2004 और 2016 के बीच डोम आर्गस और डोम फूजी नाम की जगहों पर सैटेलाइट डेटा जुटाया गया था. यह पूरा एरिया आकार में ऑस्ट्रेलिया के बराबर है. इस डेटा से पता चला कि यहां का तापमान -94 डिग्री सेल्सियस के आसपास हो सकता है. यह धरती की सबसे ठंडी जगह है. हालांकि, शोधकर्ताओं का मानना है कि यहां चारों ओर शुष्क हवा के कारण तापमान और अधिक ठंडा हो सकता है.

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