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अमेरिका के इन नेताओं ने छिपाया अपनी गंभीर बीमारियां, जानिए इनके बारे में

Gulabi
22 March 2021 10:49 AM GMT
अमेरिका के इन नेताओं ने छिपाया अपनी गंभीर बीमारियां, जानिए इनके बारे में
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अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है

अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन का एक वीडियो इन दिनों सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है। इस वीडियो में बाइडन विमान की सीढ़ियों पर चढ़ने के दौरान लगातार तीन बार लड़खड़ाते हुए नजर आ रहे हैं। इसके बाद से ही 78 वर्षीय बाइडन के स्वास्थ्य को लेकर सवाल उठने लगे। हालांकि, व्हाइट हाउस ने एक बयान जारी करते हुए कहा बाइडन को लड़खड़ाने के लिए हवा को जिम्मेदार बताया है। इसी बीच अमेरिका के उन राष्ट्रपतियों की भी चर्चा हो रही है, जो व्हाइट हाउस में गंभीर बीमारियां लेकर पहुंचे या अपने कार्यकाल के दौरान बीमार हो गए। लेकिन सच्चाई ये है कि अमेरिका के कई राष्ट्रपतियों ने अपने स्वास्थ्य को लेकर दुनियाभर को अंधेरे में रखा।

राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के बाद बाइडन अमेरिका के सबसे बुजुर्ग राष्ट्रपति बन चुके हैं। विरोधी दल समेत कई मतदाताओं ने चुनाव के दौरान ही उनके स्वास्थ्य को लेकर सवाल किया था कि इतनी अधिक उम्र में क्या वे अमेरिका जैसे देश की जिम्मेदारी संभाल सकेंगे। इस सवाल का जवाब देते हुए बाइडन की प्रचार टीम ने कहा था कि वे शारीरिक और मानसिक तौर सेहतमंद और जिम्मेदारी उठाने लायक हैं।
ऐन्ड्रयू जैकसन
व्हाइट हाउस में राष्ट्रपतियों की बीमारियों को छिपाने का चलन काफी लंबे समय से चला आ रहा है। अमेरिका के 7वें राष्ट्रपति ऐन्ड्रयू जैकसन ने जब राष्ट्रपति पद की शपथ ली थी, उससे पहले ही वे अवसाद के शिकार थे। राष्ट्रपति बनने से कुछ समय पहले ही उनकी पत्नी की मौत दिल के दौरे पड़ने से हुई थी। शपथग्रहण के बाद ऐन्ड्रयू जैकसन के व्हाइट हाउस आने पर कई बीमारियां सामने आईं। कहा जाता था कि जैकसन की आंखें कमजोर थीं, दांत खराब हो चुके थे, सिरदर्द की समस्या थी और यहां तक कि उनके फेफड़ों से ब्लीडिंग भी होती थी।
ग्रोवर क्लेवलैंड
साल 1893–1897 में अमेरिका का प्रतिनिधित्व करने वाले ग्रोवर क्लेवलैंड पूरी जिंदगी मोटापे से ग्रस्त रहे। इसके साथ ही ग्रोवर की किडनियां भी कमजोर हो गई थीं। कुछ समय बाद ही वो मुंह के कैंसर से ग्रस्त पाए गए। आनन-फानन उन्होंने सर्जरी कराई, जो उस वक्त सफल भी रही, लेकिन कुछ सालों के बाद ही ग्रोवर क्लेवलैंड की मौत हो गई।
वूड्रो विल्सन
वूड्रो विल्सन कई बीमारियों से ग्रस्त रहने के दौरान राष्ट्रपति भवन पहुंचे थे। एक रिपोर्ट के मुताबिक, वे हाइपरटेंशन और डबल विजन के शिकार थे। इसके साथ ही विल्सन को कई बार दिल का दौरा पड़ा था, जिसकी वजह से उनका दायां हाथ बुरी तरह से प्रभावित हुआ था। ऐसे में वो ठीक से हस्ताक्षर भी नहीं कर पाते थे। इस राष्ट्रपति की बीमारियों का राज खुलने के बाद कांग्रेस ने 25वां संशोधन किया, जिसके तहत अगर राष्ट्रपति की मौत हो जाए या वो अपंग हो जाए, तो उसकी जगह उप-राष्ट्रपति ले सकता है।
फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट
युद्ध और मंदी के समय देश का नेतृत्व करने वाले फ्रेंकलिन डी रूजवेल्ट को 1944 में उच्च रक्तचाप और हृदय संबंधी बीमारियों का पता चला था। उन्हें कम नमक वाले खाद्य पदार्थों पर रखा गया था और उन्हें धूम्रपान भी बंद करने को कहा गया। इसी बीच चुनाव भी आ रहा था तो रूजवेल्ट और व्हाइट हाउस ने कहा कि उनकी बीमारी उतनी गंभीर नहीं है। रूजवेल्ट चुनाव तो जीत गए लेकिन कुछ महीनों बाद दिल का दौरा पड़ने से 12 अप्रैल 1945 को उनका निधन हो गया।
अमेरिका जैसे देश का सबसे शक्तिशाली शख्स होने के बाद भी यहां के राष्ट्रपति अच्छे डॉक्टर अपॉइंट नहीं करते हैं। क्योंकि उन्हें इस बात का डर रहता है कि उनकी बीमारी की बात सार्वजनिक हो सकती है। ऐसे में कई सभी प्रेसिडेंट्स ने अपने पुराने डॉक्टरों से ही इलाज कराते रहे।


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