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इस गांव में हैं 400 से अधिक जुड़वां बच्चे, रहस्य जानने में वैज्ञानिक भी हैरान

Subhi
9 Sep 2022 3:06 AM GMT
इस गांव में हैं 400 से अधिक जुड़वां बच्चे, रहस्य जानने में वैज्ञानिक भी हैरान
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कोडिन्ही के सुदूर गांव में छायी हरी-भरी हरियाली, ऊंचे नारियल के पेड़ के आलावा एक रहस्य भी है। मलप्पुरम जिले का यह शांत गाँव सामान्य लग सकता है । लेकिन एक बार जब आप स्थानीय लोगों से मिल लें तो ये बिलकुल भी साधारण नहीं रह जाता।

कोडिन्ही के सुदूर गांव में छायी हरी-भरी हरियाली, ऊंचे नारियल के पेड़ के आलावा एक रहस्य भी है। मलप्पुरम जिले का यह शांत गाँव सामान्य लग सकता है । लेकिन एक बार जब आप स्थानीय लोगों से मिल लें तो ये बिलकुल भी साधारण नहीं रह जाता। कोडिन्ही में भारत में सबसे ज्यादा जुड़वां बच्चे हैं। साल दर साल बढ़ती ही जा रही है जुड़वां बच्चों की संख्या के मुताबित 400 जोड़े जुड़वा बच्चों के साथ कोडिन्ही के जुड़वां रहस्य ने वर्षों से शोधकर्ताओं को चकित कर रखा है। यहाँ जुड़वाँ बच्चों के इतने जोड़े क्यों पैदा होते हैं? क्या यह जेनेटिक है? क्या वे जो पानी पीते हैं इसकी वजह है? वे जो खाना खाते हैं? यह क्या है? खैर, आज हम इस ''डबल ट्रबल'' के रहस्य पर बात करने जा रहे हैं।

जैसे ही आप कोडिन्ही में प्रवेश करते हैं तो एक साइन बोर्ड पर आपको - 'भगवान के जुड़वां बच्चों के गांव में आपका स्वागत है,' लिखा मिलेगा। कोच्चि से लगभग 150 किमी दूर यह गांव 2,000 परिवारों का घर है। और 2017 तक उन परिवारों में कम से कम 400 जोड़े जुड़वां या इससे अधिक हैं। कुल मिलाकर, भारत में प्रति 1,000 जन्मों पर 9 जुड़वां बच्चे देखे जाते हैं, लेकिन कोडिन्ही एक अपवाद है, जहां प्रति 1,000 जन्मों पर यह दर 45 है।

लेकिन क्या इसके लिए कोई वैज्ञानिक कारण है? अक्टूबर 2016 में, सीएसआईआर-सेलुलर एंड मॉलिक्यूलर बायोलॉजी, हैदराबाद, केरल यूनिवर्सिटी ऑफ फिशरीज एंड ओशन स्टडीज (केयूएफओएस) और लंदन विश्वविद्यालय और जर्मनी सहित विभिन्न संस्थानों के शोधकर्ताओं की एक टीम ने इसके जांच के लिए गांव का दौरा किया। शोधकर्ताओं ने अपने अध्ययन के हिस्से के रूप में लार और बालों के नमूने एकत्र किए।

रहस्यमई गांव के पीछे कई अटकलें

इस रहस्यमई गांव के पीछे कई अटकलें लगाई गईं । लेकिन अभी तक कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं निकल कर आया है। कुछ डॉक्टरों ने कहा है कि जेनेटिक के अलावा, इस गांव की हवा या पानी में एक विशेष तत्व हो सकता है। अन्य स्पष्टीकरणों में ग्रामीणों का आहार शामिल है। कृत्रिम गर्भाधान एक कारण है कि दुनिया भर में जुड़वा बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है। लेकिन कोडिन्ही के साथ ऐसा नहीं है। गांव के जुड़वा बच्चों के जवाब खोजने के लिए शोधकर्ता आनुवंशिक अध्ययन करना जारी रख रहे हैं।

गाँव को इतने सारे जुड़वाँ बच्चों के बारे में कैसे पता चला? इसकी शुरुआत दो जुड़वां बहनों की जिज्ञासा से हुई जिन्होंने महसूस किया कि उनकी कक्षा में ही आठ जोड़े जुड़वां और उनके स्कूल में 24 जोड़े हैं। जैसे ही यह खबर फैली, उन्होंने पता लगाया कि कोडिन्ही में लगभग 280 जोड़े जुड़वां हैं। इसके बाद ट्विन्स एंड किन एसोसिएशन बनाया गया जो कोडिन्ही के जुड़वा बच्चों और उनके परिवारों को सहायता प्रदान करता है।

कोडिन्ही जुड़वां रहस्य वाला दुनिया का पहला गांव नहीं

हालांकि, कोडिन्ही जुड़वां रहस्य वाला दुनिया का पहला गांव नहीं है। वियतनाम में हंग लोक कम्यून, नाइजीरिया में इग्बो-ओरा और ब्राजील में कैंडिडो गोडोई जैसे गांव भी है। इग्बो-ओरा के कुछ परिवारों में जिसे "दुनिया की जुड़वां राजधानी" भी कहा जाता है, ऐसे परिवार हैं जिनमें जुड़वा बच्चों के तीन या अधिक सेट होते हैं। शहर के जुड़वा बच्चों के एक जोड़े का कहना है कि अगर इस शहर में आपको जुड़वा बच्चे नहीं होते हैं तो ये नॉर्मल नहीं है।

इस दुनिया में कुछ ऐसे रहस्य हैं जिनका विज्ञान के पास भी कोई स्पष्टीकरण नहीं है। और यही कारण है कि पृथ्वी पर इन स्थानों की यात्रा करना और अपने लिए आश्चर्य का अनुभव करना और भी आकर्षक हो जाता है। खैर, अगली बार जब आप केरल में हों, तो "भगवान के जुड़वां बच्चों के गांव" की यात्रा जरूर करें।

न्यूज़ क्रेडिट: newskabila.in

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