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इस जनजाति की महिलाएं अपने प्रियजनों की मौत के बाद काट लेती है अपनी उंगलियां

Bharti sahu
8 Feb 2022 9:05 AM GMT
इस जनजाति की महिलाएं अपने प्रियजनों की मौत के बाद काट लेती है अपनी उंगलियां
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दुनिया के कई देशों में आज भी सदियों पुरानी मान्यताएं (Weird traditions around the world) कायम हैं.

दुनिया के कई देशों में आज भी सदियों पुरानी मान्यताएं (Weird traditions around the world) कायम हैं. ये मान्यताएं इन देशों की खास जनजाति से जुड़े लोग मानते हैं. शहरी लोगों के लिए भले ये मान्यताएं, रीति-रिवाज विचित्र लगें मगर इन आदिवासियों (Tribal traditions) के लिए ये मान्यताएं बेहद खास हैं. ऐसी ही एक मान्यता इंडोनेशिया की एक जनजाति के बीच प्रचलित है जिसे जानकर ही आपके रोंगटे खड़े हो जाएंगे. इस जनजाति की महिलाएं अपने प्रियजनों की मौत के बाद अपनी उंगलियां (Indonesian tribal women amputate fingers) काट लेती हैं.

जी हां, आपने सही पढ़ा. इंडोनेशिया (Indonesia) में एक ऐसी जनजाति जिनकी महिलाएं अपनी उंगलियां (Women cut off fingers) काट लेती हैं. दुनियाभर के अलग-अलग समाजों में औरतों को कई तरह की समस्याएं और रिवाजों के नाम पर मुश्किलों का सामना करना पड़ता है मगर ये उन सबसे काफी अलग और विचित्र है. इंडोनेशिया की डानी जनजाति (Dani Tribe women cut off fingers after death of loved ones) में प्रियजनों के मरने के बाद महिलाओं की उंगलियां काटने का प्रचलन है. इस मान्यता को इकिपालिन (Ikipalin) कहते हैं.
सरकान के रोक लगाने के बाद भी कथित तौर पर जारी है मान्यता
हिस्ट्री चैनल की एक रिपोर्ट के अनुसार इंडोनेशिया के जयाविजया प्रांत के वामिन शहर में डानी जनजाति के लोग काफी संख्या में रहते हैं. इस आदिवासी जनजाति में इकिपालिन की प्रथा को इंडोनेशिया की सरकार ने काफी सालों पहले बैन कर दिया था मगर बुजुर्ग महिलाओं की उंगलियों को देखकर बताया जा सकता है कि वो इसका पालन करती हैं और आज भी माना जाता है कि इलाके में ये मान्यता जारी है.
क्या है मान्यता के पीछे का कारण
जनजाति के लोगों का मानना है कि जब कोई मर जाता है तो उसकी आत्मा को शांति देने के लिए परिवार की औरत अपनी उंगलियां काट लेती है. इसके साथ ही उंगली काटना ये भी दर्शाता है कि मरने वाले के जाने का दर्द उंगली के दर्द के आगे कुछ नहीं है और वो जिंदगी भर उनके साथ ही रहेगा. उंगली का उपरी हिस्सा काटने के लिए पत्थर से बने ब्लेड का आमतौर पर इस्तेमाल किया जाता है. कुछ मामलों में तो बिना ब्लेड के ही उंगली काट दी जाती है. लोग उंगली को चबाते हैं और फिर बीच से रस्सी के जरिए जोर से बांध देते हैं जिससे खून का दौरान रुक जाता है. रस्सी के बांधने के बाद जब खून और ऑक्सीजन की कमी होती है तो उंगली अपने आप कटकर गिर जाती है. कटी उंगली को या तो गाड़ देते हैं या फिर जला दिया जाता है.


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