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इस झील का पानी दिन में तीन बार बदलता है अपना रंग... जानें इसकी खासियत

Ritisha Jaiswal
6 Oct 2021 1:15 PM GMT
इस झील का पानी दिन में तीन बार बदलता है अपना रंग... जानें इसकी खासियत
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भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो देश और विदेश के पर्यटकों को खूब भाती हैं। भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है।

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | भारत में कई ऐसी जगहें हैं जो देश और विदेश के पर्यटकों को खूब भाती हैं। भारत में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक प्राकृतिक सुंदरता देखने को मिलती है। इन्हीं जगहों में शामिल है हिमाचल प्रदेश का दुर्गम जिला लाहौल-स्पीती। यहां की प्राकृतिक सुदरता देखने के लिए हर साल हजारों पर्यटक आते हैं। पर्यटकों को खूबसूरत वादियां, ग्लेशियर और ऊंचे पहाड़ अपनी तरफ आकर्षित करते हैं। यहां की बेहद खूबसूरत झीलें सबसे अधिक आकर्षण का केंद्र हैं।

माना जाता है कि यहां पर स्थित चंद्रताल झील बेस्ट कैम्पिंग साइट है। यहां आकर पर्यटक अपने आपको प्रकृति के बेहद करीब महसूस करते हैं। इस झील को द मून लेक के नाम से भी जाना जाता है। दुनिया की सबसे खूबसूरत झीलों में शुमार चंद्रताल लेक समुद्रतल से 14100 फीट की उंचाई पर स्थित है। सर्दी के मौसम की शुरुआत होते ही यहां पर बर्फबारी का सिलसिला शुरू हो जाता है जिसकी वजह से यह स्थान तीन से चार महीने तक के लिए बंद कर दिया जाता है।
इसलिए खास मान जाती है यह झील
इस झील के पानी के बारे में जानेंगे तो आप हैरान हो जाएंगे। इस झील की खासियत है कि इसका पानी दिन में तीन बार अपना रंग बदलता है। इस झील को 'मीठे पानी की झील' के नाम से भी लोग जानते हैं। यह झील लाहौल-स्पीति के स्थानीय लोगों के लिए धार्मिक महत्व भी रखती है।
यह झील स्पीति और कुल्लू घाटी से कुछ ही दूरी स्थित है। यह एक टापू पर है जिसकी वजह से अर्धचांद की तरह दिखाई देती है जिसकी वजह से लोग इसे द मून लेक यानी चांदी की झील भी कहते हैं। इस झील का पानी इतना साफ है कि शीशे की तरह चमकता है। कहा जाता है कि झील का यह क्षेत्र कभी स्पीति और कुल्लू जाने वाले तिब्बत और लद्दाखी व्यापारियों का महत्वपूर्ण स्थान था। अब यह झील पूरी दुनिया को अपनी ओर आकर्षित करती है।




Ritisha Jaiswal

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