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मरने के बाद की दुनिया का सच, सोशल मीडिया पर वायरल हुई ये नई थ्योरी

jantaserishta.com
3 March 2021 5:41 AM GMT
मरने के बाद की दुनिया का सच, सोशल मीडिया पर वायरल हुई ये नई थ्योरी
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कहते हैं मौत दुनिया का सबसे बड़ा सच है. हालांकि मौत के बाद की कैसी दुनिया होती है, इसे लेकर शत-प्रतिशत दावा कोई नहीं कर पाया है. हालांकि एक टिकटॉक यूजर की एक नई थ्योरी वायरल हो रही है जिसमें इस व्यक्ति ने अपनी थ्योरी के सहारे मौत के बाद होने वाली चीजों को लेकर एक लॉजिकल बयान देने की कोशिश की है.

ब्रैंडन मोनहॉलेन नाम के इस शख्स से एक टिकटॉक यूजर ने पूछा कि वो कौन सी ऐसी थ्योरी है जिसे जानकर आप हैरान रह गए थे? इस पर बात करते हुए ब्रैंडन ने कहा कि मुझे नहीं पता कि ये थ्योरी सही है या नहीं लेकिन मैंने इसे छह महीनों पहले पढ़ा था और मुझे ये काफी दिलचस्प लगी और मैं इसे शेयर करना चाहता हूं. ब्रैंडन ने कहा कि क्या हो अगर हम मर जाएं और हमें पता चले कि मरने के दौरान जो एक धुंधली सी रोशनी सुरंग में से आ रही होती है, जैसा कि अक्सर फिल्मों में दिखाया जाता है वो कुछ और नहीं बल्कि किसी अस्पताल की रोशनी हो?
उन्होंने आगे कहा कि 'और फिर हम अस्पताल में पैदा होते हैं और पैदा होते वक्त आप इसलिए रो रहे होते हैं क्योंकि आपको अपनी पिछली जिंदगी का सब कुछ याद होता है. आपकी मौत हो चुकी है और आपने अपना सब कुछ गंवा कर एक नई शुरूआत की है. जैसे-जैसे आप बड़े होते हैं, आप अपनी पिछली जिंदगी को भूल रहे होते हैं और अपनी वर्तमान जिंदगी पर फोकस कर रहे होते हैं.'
ब्रैंडन ने इसके अलावा डेजा वू को लेकर भी अपनी राय रखी. डेजा वू यानी किसी नई या अंजान जगह पर पहुंचकर ऐसा फील करना जैसे आप पहले भी इस जगह पर आ चुके हैं. 'डेजा वू' एक फ्रेंच शब्द है जिसका मतलब होता है 'पहले भी महसूस किया हुआ'. ब्रैंडन ने कहा कि जैसे जैसे आप अपनी पुरानी जिंदगी भूल रहे होते हैं, वैसे वैसे आपके दिमाग के किसी कोने में कुछ यादें रह जाती हैं और यही मेमोरी डेजा वू जैसी फीलिंग्स देती हैं.
जहां इस थ्योरी को सुनकर काफी सोशल मीडिया यूजर्स असंतुष्ट नजर आए वही कई लोगों ने इस थ्योरी की तुलना मशहूर डार्क ड्रामा शो ब्लैक मिरर से कर दी. वही कई लोगों का ये भी कहना था कि दुनिया में जिस तेजी से आबादी बढ़ रही है, ये थ्योरी काफी हद तक सही जान पड़ती है. सोशल मीडिया पर ये थ्योरी वायरल हो रही है.
इसके अलावा एक और टिकटॉक यूजर ने अपने वीडियो के सहारे डेजा वू के कॉन्सेप्ट को बयान किया. डॉ करण राज के मुताबिक, डेजा वू हमारे दिमाग में एक ग्लिच होता है. जब कोई शॉर्ट टर्म मेमोरी गलती से लॉन्ग टर्म मेमोरी में स्टोर हो जाती है तो ऐसा लगता है कि ये घटना पहले भी हो चुकी है क्योंकि हमारा दिमाग हमें कह रहा होता है कि ये एक पुरानी मेमोरी है. लेकिन डेजा वू कुछ नहीं बस हमारे दिमाग की करामात है.
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