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दुनिया में ऐसे कई शासक हुए हैं, जो अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते हैं
दुनिया में ऐसे कई शासक हुए हैं, जो अपनी क्रूरता के लिए जाने जाते हैं. कई शासकों ने तो अपने फायदे के लिए लोगों की लाशें तक बिछवा दी. कुछ शासक तो महज शौक के लिए लोगों की हत्या तक करवा देते थे. लेकिन, आज हम आपको जिस शख्स के बारे में बताने जा रहा हैं उसने तो महज एक रात में सात हजार लोगों की हत्या करवा दी थी. इस शख्स को बंग्लादेशा का 'कसाई' भी कहा जाता है. आलम ये है कि जिस वक्त इस ने लोगों की हत्याएं करवाई थी उसके बारे में सुनकर उस समय के लोग आज भी कांप जाते हैं. तो आइए, जानते हैं उस शख्स के बारे में…
उस शख्स का नाम था टिक्का खान. टिक्का खान मूलरूप से रावलपिंडी का रहने वाला था. 1935 में वह ब्रिटिश भारतीय सेना में भर्ती हुआ था. वहीं, 1940 में वह कमीशंड ऑफिसर बन गया था. वहीं, बंटवारे के बाद टिक्का खान पाकिस्तान चल गया था. वहां, उसकी पदोन्नति हो गई और वह मेजर बन गया. साल 1965 में जब भारत-पाकिस्तान के बीच लड़ाई हुई थी तो उसने उसमें हिस्सा लिया था. साल 1969 में जब पूर्वी पाकिस्तान को अलग देश बनाने की मांग उठी तो तत्कालीन राष्ट्रपति याह्या खाना ने टिक्का को वहां भेज दिया. इस ऑपरेशन का नाम 'सर्चलाइट' दिया गया था. बताया जाता है कि टिक्का खान के आदेश पर पाकिस्तानी सैनिकों ने हजारों लोगों को मौत के घाट उतार दिए. कहा जाता है कि ढाका में एक ही रात में टिक्का खान ने सात हजार लोगों को मरवा दिए थे. इनमें बच्चे, बूढ़े , महिलाएं सब शामिल थे.
'काफी खौफनाक है टिक्का खान का इतिहास'
रॉबर्ट पेन नामक लेखर ने इस नरसंहार पर एक किताब लिखी, जिसमें उन्होंने कहा कि साल 1971 के नौ महीने में बांग्लादेश में तकरीबन दो लाख लड़कियों और औरतों के साथ दुष्कर्म किए गए. इस घटना के बाद ही टाइम मैग्जीन ने टिक्का खान को 'बांग्लादेश का कसाई' कहा था. इस घटना के बाद टिक्का खान पूरी दुनिया में बदनाम हो गया था. इतना ही नहीं पाकिस्तान में भी लोग उसकी आलोचना करने लगे थे. लेकिन, उसकी पकड़ इतनी मजबूत थी कि साल 1972 में वह पाकिस्तान का पहला थल सेनाध्यक्ष बन गया. साल 2002 में उसकी मौत हो गई थी.
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