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मॉडल की कहानी
हमारे समाज में कुछ बीमारियों का बड़ा अशुभ माना जाता है. ऐसी ही एक बीमारी एल्बिनिज्म. इस रोग को लेकर अक्सर ऐसा देखा जाता है कि अगर बच्चा ऐसे रोग से ग्रसित होता है तो मां बाप बच्चों उस बच्चे को त्याग देते हैं. माना जाता है कि दुनिया भर में 20 हजार लोगों में से कोई एक एल्बिनिज्म के साथ जन्म लेता है ऐसी ही एक कहानी है ज्वेली एबिन की.
कहते हैं ना नसीब किसी का नहीं छीना जा सकता है, ज्वेली एबिन के उपर ये कहावत एकदम सटीक बैठती है. ज्वेली एबिन भी इसी बीमारी से पीड़ित हैं, जिसके चलते उनके चीनी मां-बाप ने उन्हें बचपन में एक अनाथालय के दरवाजे पर छोड़ दिया था लेकिन, अब ज्वेली एबिन विश्व प्रिसिद्ध मॉडल बन चुकी हैं.
ज्वेली एबिन को यह नाम अनाथालय से मिला था. आपकी जानकारी के लिए बता दें कि कुछ दिन पहले विश्व प्रिसिद्ध प्रितिष्ठित मैग्जीन 'वोग' में ज्वेली एबिन नजर आई थीं. इतना ही नहीं, अनाथालय में किसी तरह पलने वाली मॉडल ज्वेली एबिन आज दर्जनों बड़े बड़े ब्रांड्स की ब्रांड एंबेसडर हैं और अब उनकी जिंदगी पूरी तरह से बदल चुकी है.
बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक बीमारी से पीड़ित होने के बाद ज्वेली एबिन को उनके माता-पिता ने चीन के अनाथालय में छोड़ दिया. हालांकि, 3 साल की उम्र में नीदरलैंड के एक कपल ने उन्हें गोद ले लिया और वह उनके साथ रहने चली गईं और फिर वो अपने नए परिवार के साथ नीदरलैंड आ गईं और फिर धीरे धीरे ज्वेली एबिन की जिंदगी बदलने लगी.
आज के समय में ज्वेली एबिन काफी खुश है. उनका कहना है कि दूसरों से अलग दिखना मेरे लिए अभिशाप नहीं बल्कि वरदान है. मैं मॉडलिंग के जरिए लोगों को एल्बिनिज्म के बारे में जागरूक करती हूं.आज के समय में ज्वेली एबिन दुनियाभर में प्रसिद्ध है.
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