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व्हीलचेयर पर फूड डिलीवरी करने वाले शख्स की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल

Gulabi Jagat
23 Jun 2022 3:50 PM GMT
व्हीलचेयर पर फूड डिलीवरी करने वाले शख्स की कहानी सोशल मीडिया पर वायरल
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ऐसा नहीं होता कि हर किसी को अनुकूल परिस्थितियां ही मिलती हैं
Ganesh Murugan Viral Story : ऐसा नहीं होता कि हर किसी को अनुकूल परिस्थितियां ही मिलती हैं. किसी के हालात उसे ज़िंदगी में हार मानने के लिए बेबस करते हैं, लेकिन जिनके हौसले बुलंद होते हैं, वो हालात को अपने मुताबिक ढाल लेते हैं. हर चुनौती पार करके ज़िंदगी को जीने का जज़्बा दिखाते हैं. सोशल मीडिया (Viral On Social Media) पर आजकल ऐसे ही शख्स की कहानी वायरल हो रही है, जो दिव्यांग (Wheelchair Delivery Boy) होने के बावजूद अपने हौसलों से आत्मनिर्भर बन चुका है.
दिव्यांग लोगों के साथ-साथ आम लोगों के लिए भी गणेश मुरुगन की कहानी प्रेरणा देने वाली है. वे पैरों से लाचार होने के बाद भी व्हीलचेयर से फूड डिलीवरी का काम करके आत्मनिर्भर बने हैं. चेन्नई के रहने वाले गणेश मुरुगन ने लाचारियों का रोना रोने के बजाय अपने लिए कठिन लेकिन आत्मसम्मान दिलाने वाली राह चुनी. आज उनकी कहानी समाज के लिए एक मिसाल बन चुकी है.
पैर नहीं हैं, फिर भी फूड डिलीवरी ब्वॉय बने

दिव्यांग गणेश मुरुगन की कहानी को आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने अपने ट्विटर अकाउंट से शेयर किया है और लिखा है- 'वे उन सभी के लिए प्रेरणा हैं, जो मुसीबतों से लड़ने की जगह झुक जाते हैं.' उन्होंने बताया है कि मुरुगन देश के पहले व्हीलचेयर फूड डिलीवरी ब्वॉय हैं, जो अपनी व्हीलचेयर पर ही खाने की डिलीवरी करते हैं. उन्होंने परिस्थितियों से समझौता किए बिना ही रास्ता निकाला और आत्मनिर्भरता की राह चुनी.
IIT मद्रास ने दी व्हीलचेयर
दीपांशु काबरा ने अपनी इस पोस्ट के कमेंट में बताया है कि गणेश मुरुगन की इस खास व्हीलचेयर को IIT मद्रास में एक स्टार्टअप की ओर से डिज़ाइन किया गया है. टू इन वन मोटर से चलने वाली व्हीलचेयर को एक बटन दबाने पर अलग किया जा सकता है. इसके बाद इसका पिछला हिस्सा एक साधारण व्हीलचेयर में बदल जाता है. अब तक स्टार्ट अप की ओर से ऐसे 1300 व्हीलचेयर बनाए जा चुके हैं. ये 4 घंटे चार्ज होने के बाद 25 किलोमीटर तक सफर कर सकते हैं. लोग गणेश मुरुगन की इस कहानी को जानने के बाद उनके जज़्बे को सलाम कर रहे हैं.
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