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90 साल के बुजुर्ग का जज्बा कर रहा सभी को हैरान, जेल में रहते हुए बनाई जबरदस्त बॉडी

SANTOSI TANDI
8 Oct 2023 10:04 AM GMT
90 साल के बुजुर्ग का जज्बा कर रहा सभी को हैरान, जेल में रहते हुए बनाई जबरदस्त बॉडी
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सभी को हैरान, जेल में रहते हुए बनाई जबरदस्त बॉडी
आज के समय में युवाओं को सिक्स पैक एब्स की चाहत होती हैं जिसे पाने के लिए कड़ी मेहनत की जरूरत होती हैं। लेकिन आलस होने और समर्पण की भावना ना होने की वजह से यहाँ चाहत पूरी नहीं हो पाती हैं। लेकिन ऐसे में 90 साल के एक बुजुर्ग सभी के सामने मिसाल बन रहे हैं जिनके जज्बे को देखकर हर कोई हैरान हैं। हम बात कर रहे हैं मनोहर ऐच (Manohar Aich) की जिन्होनें जेल में रहते हुए जबरदस्त बॉडी बनाई। मनोहर ऐच ने एशियन गेम्स में तीन गोल्ड मेडल और जीते थे और मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीतने वाले वह दूसरे भारतीय थे। केवल यही नहीं बल्कि वह काफी सिंपल खाना खाते थे लेकिन उन्होंने अपने शरीर को इस तरह बना लिया था कि अच्छे-अच्छे पहलवान उनके सामने फेल थे। उनके अच्छे व्यवहार के कारण उन्हें एक या दो साल बाद रिहा कर दिया था। उन्होंने जेल में जो फिजिक बनाई थी, उसके साथ ही 1950 में मिस्टर हरक्यूलिस कॉम्पिटिशन जीता था।
मनोहर ऐच का जन्म 17 मार्च, 1913 को कोमिला जिले के पुटिया गांव में हुआ था, जो उस समय ब्रिटिश भारत का हिस्सा था और अब बांग्लादेश में है। वहीं मनोहर ऐच ने अपना करियर महान जादूगर पीसी सोरकर के साथ एक स्टंटमैन के रूप में शुरू किया था। कहा जाता है वह दांतों से स्टील की सलाखों को मोड़ सकते थे और 1000 पेज की किताब को हाथों से फाड़ सकते थे। केवल यही नहीं बल्कि वह 'पॉकेट हरक्यूलिस' के नाम से मशहूर थे। जी हाँ, बॉडी बिल्डिंग के बारे में बात करें तो मनोहर ऐच ने 39 साल की उम्र में बॉडी बिल्डिंग की शुरुआत की थी और उसके बाद मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता जीती थी।
उसके बाद साल 1951 में वह मिस्टर यूनिवर्स प्रतियोगिता में दूसरे स्थान पर रहे लेकिन 1952 में शानदार प्रदर्शन करते हुए उन्होंने मिस्टर यूनिवर्स का खिताब जीता था। मनोहर ऐच ने अपना आखिरी बॉडी बिल्डिंग कॉम्पिटिशन 2003 में खेला था और उस समय उनकी उम्र 90 साल थी। कहा जाता है मनोहर ऐच 1942 में एयर फोर्स में भर्ती हुए थे हालाँकि एक ब्रिटिश अधिकारी को थप्पड़ मार देने के कारण उन्हें जेल में डाल दिया गया था। वहीं जेल में रहते हुए मनोहर ऐच 12 घंटे वेट ट्रेनिंग करते थे, इसके लिए ब्रिटिश अधिकारियों ने उनके लिए खास डाइट की व्यवस्था की थी।
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