जरा हटके
मुर्गे ने चिल्ला-चिल्लाकर किया नाक में दम, शिकायत लेकर कोर्ट पहुंचा कपल
Ritisha Jaiswal
19 Aug 2022 8:19 AM GMT
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कहते हैं इंसान घर अपनी मर्ज़ी से चुन सकता है लेकिन पड़ोसियों पर उसका कोई ज़ोर नहीं है.
कहते हैं इंसान घर अपनी मर्ज़ी से चुन सकता है लेकिन पड़ोसियों पर उसका कोई ज़ोर नहीं है. कई बार पड़ोसी अच्छे होते हैं तो ज़िंदगी भी सुकून से कट जाती है लेकिन अगर पड़ोसी ज़रा टेढ़ा हो तो पल भर भी चैन से नहीं कटता. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि जर्मनी के एक बुजुर्ग दंपती की ज़िंदगी उनके पड़ोसी नहीं बल्कि उनके यहां पले एक मुर्गे ने तबाह कर रखी है.
पड़ोस के घर में कोई भी पालतू जानवर हो, तो उसका थोड़ा-बहुत खामियाज़ा पड़ोसियों को चुकाना पड़ता ही है. मसलन कई बार उनका शोर या फिर गंदगी आपको परेशान कर देती है लेकिन अगर वो आपका चैन-सुकून ही छीन ले, तो मामला ज़रा संगीन हो जाता है. जर्मनी के Bad Salzuflen में रहने वाले बुजुर्ग जोड़े की दिक्कत ये है कि उन्हें पड़ोसी का मुर्गा दिन में किसी भी वक्त चैन से बैठने नहीं देता और सुबह-सुबह ही बांग देकर जगा देता है.
मुर्गे ने चिल्ला-चिल्लाकर किया नाक में दम
पश्चिमी जर्मनी के रहने वाले 76 साल के बुजुर्ग फ्रीडरिच विलहेम (Friedrich-Wilhelm) और उनकी पत्नी जुता (Jutta) की शिकायत है कि उन्होंने लंबे वक्त से अपने ही घर में सुकून का एक दिन नहीं बिताया है. इसकी वजह है उनके पड़ोसी का पाला हुआ मुर्गा. वो रोज़ाना सुबह करीब 8 बजे से बांग देना शुरू कर देता है और उसका ये सिलसिला तब तक खत्म नहीं होता, जब तक सूरज ढल न जाए. माग्दा नाम के इस मुर्गे को उसके मालिक बाकी मुर्गे-मुर्गियों का साथ ही बंद करके रखते हैं. बुजुर्ग दंपती ने इस मामले पर उनके बातचीत कर हल निकालने की कोशिश की लेकिन कुछ भी काम नहीं आया.
अब कोर्ट करेगा 'शैतान मुर्गे' का फैसला
आखिरकार उन्होंने मामला कोर्ट तक पहुंचा दिया. स्थानीय रिपोर्ट्स के मुताबिक दंपती का कहना है कि वे अपने घर की खिड़की तक नहीं खोल सकते क्योंकि शोर बर्दाश्त से बाहर होता है. कपल के वकील का कहना है कि मुर्गे की बांगा 80 डेसिबल से भी ऊपर है, जो आमतौर पर व्यस्त सड़क का शोर होता है. उसकी वजह से कई पड़ोसी घर छोड़कर जा चुके हैं. कपल ने मुर्गे की बांग को रोज़ाना रिकॉर्ड भी किया है, ताकि कोर्ट में सुनाया जा सके. वहीं मुर्गे के मालिक का कहना है कि उन्हें मुर्गियों को कंट्रोल करने के लिए मुर्गे की ज़रूरत है और माग्दा यही करता है. ये मामला जिला कचेहरी में सुने जाने की पूरी तैयारी हो चुकी है
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