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जिसे ढूंढा गली- गली वो पड़ोस में मिली, कुछ ऐसा ही हुआ इस परिवार के साथ, पढ़ें गुमशुदगी की ये दिपचस्प कहानी

Gulabi
10 Jun 2021 3:47 PM GMT
जिसे ढूंढा गली- गली वो पड़ोस में मिली, कुछ ऐसा ही हुआ इस परिवार के साथ, पढ़ें गुमशुदगी की ये दिपचस्प कहानी
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गुमशुदगी की दिपचस्प कहानी

किसी का भी गुमशुदा होना बड़ी बात होती है. इसलिए पुलिस लापता हुए शख्स को ढूंढने के लिए हरसंभव प्रयास करती है. अक्सर हमें ऐसा कहानियां सुनने को मिलती रहती है कि पुलिस ने गुमशुदा को खोजा. लेकिन कुछ एक बार किसी का गुमशुदा होना इसलिए अलग हो जाता है, क्योंकि उनकी गुमशुदगी की कहानी बाकियों से बिलकुल अलग होती है. इन दिनों एक ऐसा ही वाकया केरल से सामने आया है. जिसके बारे में सुनकर यकीनन आप भी सोच में पड़ जाएंगे. आइए बताते हैं कि आखिर ऐसा क्या हुआ.

एक रिपोर्ट के मुताबिक पलक्कड़ के अयालुर गांव से 11 साल पहले लापता हुई एक 18 साल की युवती सजिता अपने माता-पिता के घर से महज 500 मीटर की दूरी पर मिली. वो पिछले एक दशक से एक आदमी के साथ एक कमरे में उस आदमी के साथ रह रही थी, जिससे वह प्यार करती थी, जबकि उस आदमी के माता-पिता भी उसके साथ एक घर में रहते थे, पर फिर भी वे महिला की मौजूदगी से खबर थे.
सजिता की फैमिली ने उसके वापस पाने की सभी उम्मीद छोड़ दी थी, क्योंकि उसे गायब हुए काफी लंबा वक्त हो चुका था. लेकिन उसकी खोज तब हुई जब 34 साल के अलीनचुवत्तिल रहमान खुद तीन महीने पहले अचानक अपने घर से लापता हो गए और उनके परिवार ने इस बारे में शिकायत दर्ज कराई. मंगलवार को, उसके बड़े भाई बशीर ने उसे देखा, और उसके बाद पता चला कि रहमान और सजिता दूसरे गांव में किराए पर रह रहे थे.
जिसके बाद पुलिस ने दंपति को एक स्थानीय अदालत में पेश किया, जहां सजिता ने रहमान के साथ रहने की बात कबूली. नेनमारा पुलिस स्टेशन हाउस ऑफिसर दीपा कुमार ए ने बताया कि सजिता और रहमान ने अपने रिश्ते को इसलिए छिपाया क्योंकि वे दोनों ही अलग-अलग धर्मों से ताल्लुक रखते थे. सजिता फरवरी 2010 में एक रात अपने घर से निकली और अपने पड़ोसी रहमान के घर में चली गई. पुलिस ने कई जगह पर उसकी तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली.
रहमान के भाई बशीर ने कहा कि उसके भाई (रहमान) एक हाउस पेंटर का काम करता है, उसके पास एक अलग कमरा था, और उसने कमरे को बंद रखा, और कभी किसी को उस जगह पर जाने नहीं दिया. उसके गर्म रवैये की वजह से किसी का ध्यान उधर ज्यादा नहीं गया. अगर कोई उसके कमरे में दाखिल होने की कोशिश करता तो वह हिंसक हो जाता. वह अपना खाना खाने के लिए भी अपने कमरे में ले जाता था. रहमान ने इस बारे में नहीं बताया कि आखिर दोनों ने 11 साल तक एक कमरे में बंद रहने का फैसला क्यों किया.
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