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फिर से बढ़ रही है पानी पर चलने वाली मकड़ियों की संख्या, एक दशक पहले विलुप्ती की कगार पर थी प्रजाति
Gulabi Jagat
25 March 2022 9:34 AM GMT
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जीव वैज्ञानिक विलुप्त प्राय जीवों को बचाने की मुहिम में जी जान से जुट रहते हैं
जीव वैज्ञानिक विलुप्त प्राय जीवों को बचाने की मुहिम में जी जान से जुट रहते हैं. हर जीव इकोसिस्टम में अपनी अलग अहमियत रखता है. ऐसे में एक भी सफलता विशेषज्ञों को उत्साह से भर देती है. ताज़ा मामले में एक खास किस्म की मकड़ी को बचाने की मुहिम चलाई जा रही है जिसमें सफलता के संकेत मिलने शुरु हो गए हैं.
पानी पर चलने वाली फेन राफ्ट स्पाइडर की संख्या ब्रिटेन में अचानक तेज़ी से बढ़ी है. इनका आकार इंसान की हथेली के बराबर होता है. एक दशक पहले विलुप्ती के कगार पर होने के बावजूद ब्रिटेन की सबसे बड़ी इस मकड़ी की प्रजातियों की संख्या सालों बाद पहली बार इज़ाफा हुआ है. जिससे विशेषज्ञ का कहना है कि फेन राफ्ट स्पाइडर एक अभूतपूर्व वापसी कर रहा है. इस प्रजाति की सबसे अच्छी बात ये है कि ये इंसानों के लिए बिल्कुल भी खतरनाक नहीं है. ये ज्यादातर घर के सोफों में दुबके रहना पसंद करते हैं.
एक दशक पहले विलुप्ती की कगार पर थी प्रजाति
आधे ज़मीन और आधे जल में रहने वाली इन मकड़ियों को अर्ध जलीय भी कहते हैं जो ब्रिटेन की 660 मकड़ी प्रजातियों में सबसे बड़ी मानी गई है. करीब एक दशक पहले इन मकड़कियों को बचाने की मुहिम शुरु की गई थी क्योंकि ये विलुप्त होने के हाई रिस्क के चलते वन्यजीव और ग्रामीण इलाका अधिनियम के तहत एक संरक्षित प्रजाति है, जिसे बचाने और संख्या बढ़ाने की मुहिम में अब सफलता मिलती दिखाई दे रही है. फेन राफ्ट स्पाइडर आमतौर पर नॉरफ़ॉक ब्रॉड्स जैसे आर्द्रभूमि क्षेत्रों (wetland areas such as the Norfolk Broads) में पाए जाते हैं.
संख्या में इज़ाफा होने से विशेषज्ञ खुश
हाल ही में जारी आरएसपीबी पारिस्थितिकी रिपोर्ट ने संघर्ष करने वाली फेन राफ्ट समेत ब्रिटेन के वन्यजीवों की स्थिति का आकलन किया. जिससे पता चला कि 2021 में नॉरफ़ॉक ब्रॉड के central Yare area में पाए जाने वाली मकड़ियों की कुल संख्या अब हजारों में आंकी जाती है. ये मकड़िया काफी शर्मीली मानी जाती है. लेकिन जून से लेकर सितंबर तक के महीनों में उनकी तलाश कर पाना बेहद आसान होता है.
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