जरा हटके

छोटी बच्ची ने दिखाई गजब की दरियादिली, दुकान से पावरोटी खरीद कर कुत्ते को खिलाया

Rani Sahu
12 Dec 2021 5:35 PM GMT
छोटी बच्ची ने दिखाई गजब की दरियादिली, दुकान से पावरोटी खरीद कर कुत्ते को खिलाया
x
बच्चे तो भगवान का रूप होते हैं, ऐसा कहते आपने कई लोगों को सुना होगा

बच्चे तो भगवान का रूप होते हैं, ऐसा कहते आपने कई लोगों को सुना होगा, लेकिन ऐसा क्यों कहा जाता है, इसपर बहुत कम ही लोग विचार करते हैं. दरअसल, बच्चों का दिल साफ होता है, उनमें छल-कपट जैसी कोई भी चीज बिल्कुल नहीं होती है. यहीं वजह है कि बच्चों को भगवान का दूसरा रूप माना जाता है, क्योंकि ऐसा माना जाता है कि भगवान भी इन सभी चीजों से परे होते हैं. सोशल मीडिया पर बच्चों से जुड़े तरह-तरह के वीडियोज अक्सर वायरल होते रहते हैं, जिनमें से कुछ वीडियोज दयालुता से भरे होते हैं, यानी बच्चों में दयालुपन दिखता है. एक ऐसा ही वीडियो आजकल सोशल मीडिया पर खूब वायरल हो रहा है, जिसमें एक छोटी सी बच्ची ने कुछ ऐसा काम कर दिया है कि लोग उसकी तारीफ करते नहीं थक रहे हैं.

दरअसल, बच्ची ने एक दुकान से पावरोटी खरीद कर एक कुत्ते को खिलाया. यह वीडियो दिल को छू लेने वाला है. वीडियो में आप देख सकते हैं कि एक छोटी सी बच्ची दुकान पर आती है और दुकानदार को पैसे देकर एक पावरोटी खरीदती है और वह पावरोटी वहीं दुकान के सामने बैठे एक कुत्ते को खिलाने लगती है. पावरोटी को पहले तो वह अपने हाथ से कुत्ते को खिलाती है, उसके बाद बचा हुआ टुकड़ा उसे दे देती है. इतना ही नहीं, बच्ची जब खिलाने के बाद जाने लगती है तो कुत्ते को हाथ से इशारा करके गुड बाय भी बोलती है.

इस शानदार वीडियो को आईपीएस अधिकारी दीपांशु काबरा ने अपने ट्विटर पर शेयर किया है और कैप्शन में लिखा है, 'उम्र छोटी और दिल इतना बड़ा… ज्यादातर पैरेंट्स बच्चों को 'हासिल करना' सिखाते हैं. धन्य हैं वो मां-बाप जिसने इस बच्चे को 'देना' सिखाया…'. महज 12 सेकेंड के इस वीडियो को अब तक 16 हजार से भी अधिक बार देखा जा चुका है, जबकि 1,400 से अधिक लोगों ने वीडियो को लाइक भी किया है.
वहीं, ढेर सारे लोगों ने वीडियो पर शानदार-शानदार कमेंट्स भी किए हैं. एक यूजर ने लिखा है, 'बच्चों को भोला बनाओ, दुनियादारी दुनिया सीखा देगी. हम भी अगर बच्चों को दुनियादारी सिखाएंगे, तो भोला कौन बनाएगा?', जबकि एक दूसरे यूजर ने कमेंट किया है, 'संस्कार की शुरुआत तो घर से ही होती है, धन्य ऐसे माता-पिता'. ऐसे ही एक अन्य यूजर ने लिखा है, 'हमारे संस्कृति में तो बांटना सिखाया गया है, तोड़ना तो परिस्थितियों ने सीखाया'.
Rani Sahu

Rani Sahu

    Next Story