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इस गांव की पहचान हैं यहां के 'दामाद', कहानी जानकर रह जाएंगे हक्के-बक्के

Subhi
22 Aug 2022 2:42 AM GMT
इस गांव की पहचान हैं यहां के दामाद, कहानी जानकर रह जाएंगे हक्के-बक्के
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भारत में ऐसी कई जगह हैं जिनका इतिहास आपको हैरान करके रख देता होगा. ऐसे ही भारत (India) के कुछ गांव भी अनोखे कारणों की वजह से लाइमलाइट बटोर लेते हैं. आपने एक ऐसे गांव के बारे में तो सुना ही होगा जहां

भारत में ऐसी कई जगह हैं जिनका इतिहास आपको हैरान करके रख देता होगा. ऐसे ही भारत (India) के कुछ गांव भी अनोखे कारणों की वजह से लाइमलाइट बटोर लेते हैं. आपने एक ऐसे गांव के बारे में तो सुना ही होगा जहां पर सिर्फ जुड़वा बच्चे (Twins) ही पैदा होते हैं. भारत का ऐसा ही एक गांव है, जहां पर 40 से भी ज्यादा दामादों का घर है और यही कारण है कि इस गांव का नाम दामादनपुरवा (Damadanpurwa) पड़ गया.

70 में से 40 घर दामादों के

कानपुर (Kanpur) के इस गांव में लगभग 500 लोग रहते हैं. ये गांव अकबरपुर तहसील क्षेत्र में बसा हुआ है और यहां पर लगभग 70 घर हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि 70 घरों में से 40 से ज्यादा घर दामादों के हैं. यहां रहने वाले बुजुर्गों के मुताबिक 1970 में इस गांव की राजरानी की शादी (Wedding) होने के बाद उनके पति सांवरे कठेरिया अपने ससुराल में रहने लगे.

क्या कहता है इतिहास?

दरअसल सांवरे कठेरिया के लिए जब जगह कम पड़ी तो उन्हें गांव के पास जमीन (Property) दे दी गई. राजरानी के पति के बाद कई लड़के इस गांव की बेटियों से शादी करके पहले दामाद बने और फिर यहीं जमीन लेकर रहने लगे. यहीं से ये परंपरा (Tradition) बढ़ने लगी और 2005 तक इस गांव में दामादों के 40 घर बन चुके थे. आपको बता दें कि यहां के सबसे उम्रदराज दामाद 78 साल के हैं.

अभी भी बसावट जारी है

आपको जानकर थोड़ा अजीब (Strange) लग सकता है कि ये परंपरा अभी भी जारी है. इसका मतलब है कि तीसरे युग के दामाद भी इस गांव में आकर बसते (Settle Down) हैं. जब लोग गांव का नाम सुनते हैं तो स्माइल (Smile) करने लगते हैं क्योंकि किसी ने भी पहले कभी ऐसा नाम नहीं सुना होता है.

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