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बैलगाड़ी लेकर दुल्हन की विदाई कराने पहुंचा दूल्हा, लोगों ने ली सेल्फी

Tulsi Rao
21 May 2022 7:47 AM GMT
बैलगाड़ी लेकर दुल्हन की विदाई कराने पहुंचा दूल्हा, लोगों ने ली सेल्फी
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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Unique Marriage: दूल्हा-दुल्हन अपनी शादी के दिन को खास बनाने के लिए हर कोशिश करते हैं. आजकल इंटरनेट पर भी हमें ऐसी तमाम खबरें और वीडियो देखने को मिलती हैं जिनमें दूल्हा-दुल्हन अपनी शादी के दिन को स्पेशल बनाने के लिए कुछ अलग करते नजर आते हैं. कभी वो अंडर वॉटर शूट करवाते हैं तो कभी हवा में प्रपोज़ करने की वीडियो सोशल मीडिया पर देखने को मिलती हैं. यह भी देखने को मिलता है कि दूल्हा अपनी दुल्हन को लेने कभी हेलीकॉप्टर से जाता है, तो कभी बाइक पर. ऐसी ही एक घटना सामने आई है जिसमें एक दूल्हे ने अपनी शादी को यादगार बनाने के लिए इन सबसे अलग हटकर कुछ किया है, जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे. दरअसल, एक दूल्हा अपनी दुल्हन को लेने के लिए बैलगाड़ी से पहुंचा है, जिसकी तस्वीर अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है.

बैलगाड़ी लेकर दुल्हन की विदाई कराने पहुंचा दूल्हा
बता दें कि अपनी शादी को खास बनाने के लिए एक दूल्हा बैलगाड़ी लेकर दुल्हन की विदाई कराने पहुंचा है. ये पूरा मामला राजस्थान के जालोर के रानीवाड़ा का है. यहां के कूड़ा गांव का दूल्हा दलपत कुमार देवासी बैलगाड़ी में बैठकर अपनी दुल्हन को लेने पहुंचा. यह बारात देखकर बुजुर्ग लोगों को अपने पुराने दिन याद आ गए, जब बैलगाड़ी में ही बारात लेकर जाई जाती थी.
शानदार तरीके से सजाई गई थी बैलगाड़ी
जिस बैलगाड़ी से दूल्हा अपनी दुल्हनिया लेने पहुंचा था उसे काफी सुंदर तरीके से सजाया गया था. बैलों के गले में घंटियां बांधी गई थीं, जिनकी आवाज काफी प्यारी लग रही थी. दूल्हा बैलगाड़ी से 4 किलोमीटर का सफर तय करके बारात लेकर सेवाड़ा गांव पहुंचा था. एक ओर जहां दूल्हा बैलगाड़ी में था वहीं दूसरी तरफ बाकी बाराती भी अन्य बैलगाड़ियों और ऊंटों पर सवार होकर दुल्हन के घर पहुंचे थे.
लोगों ने ली सेल्फी
इस अनूठी बारात को देखने के लिए गांव में लोगों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस दौरान लोगों ने बैलगाड़ी के साथ जमकर सेल्फी भी ली. इस बारात का एक वीडियो भी सामने आया है. दूल्हे दलपत ने बताया कि उसने पुरानी परंपरा को बनाए रखने के लिए बैलगाड़ी से बारात लेकर जाने का फैसला किया. दलपत ने आगे कहा कि हमारे पूर्वज बैलगाड़ी से ही बारात ले जाते थे, हम उसी परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं.


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