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फ्रांस की हसीन वैज्ञानिक
इतिहास में एक से बढ़कर एक खूंखार अपराधियों का जिक्र मिलता है. सीरियल मर्डर करने वाले ऐसे लोग जब पकड़ाई में आते हैं तो सजा भी मिलती है लेकिन आमतौर पर ये सजा ताउम्र कैद या ज्यादा से ज्यादा फांसी में बदल जाती है. हालांकि इतिहास में जिस सबसे पहले सीरियल किलर का नाम मिलता है, वो रोम की एक बेहद हसीन औरत लॉकस्टा (Locusta) थी, जिसे लोगों को मारने का शौक था.
राजा की हत्या के लिए हुआ संपर्क
रोम के शासक नीरो (Nero) की मां (Agrippina) ने राजसी खानदान के कई लोगों को मारने के लिए लॉकस्टा नाम की स्त्री से संपर्क किया. की जाने वाली हत्याओं की लिस्ट में खुद Agrippina का अपना पति Claudius भी था. इस राजसी जोड़े की शादीशुदा जिंदगी काफी खराब चल रही थी और Agrippina का मानना था कि उसका पति एक खराब शासक भी है, लिहाजा सत्ता उसके बेटे के हाथ आनी चाहिए. Agrippina ने इसके लिए लॉकस्टा से संपर्क किया.
लॉकस्टा को मध्यकाल का पहला वैज्ञानिक मानते हैं
उसे विज्ञान पढ़ने और प्रैक्टिकल करने का खासा शौक था. फ्रांस में जन्मी इस महिला ने अपने आसपास के सारे पेड़-पौधों के गुण-दोष समझ लिए थे और उनपर प्रयोग करती रहती. रोम आने पर उसने पाया कि लोग काफी महत्वाकांक्षी हैं और इसके लिए अपने दुश्मनों को मारने से परहेज नहीं करते, बस मौत प्राकृतिक लगनी चाहिए.
लोगों की इसी महत्वाकांक्षा को पूरा करने के लिए दवाएं बनाने के साथ-साथ लॉकस्टा को खतरनाक जहर बनाना भी आ चुका था. कहा जाता है कि ये जहर इतना खतरनाक होता था कि सेकंड्स में इंसान की जान चली जाती थी.
ऐसे की राजा की हत्या
लॉकस्टा ने महारानी के साथ मिलकर महाराज की पसंदीदा मशरूम की सब्जी में ये जहर मिला दिया और खाते-खाते ही उनकी जान चली गई. वो 13 अप्रैल 54 A.D की बात है. तब गद्दी पर बैठे नीरो की उम्र सिर्फ 16 साल थी. किसी को शक न हो, इसलिए महारानी ने जहर देने के आरोप में लॉकस्टा को जेल में डलवा दिया. कुछ महीनों बाद नए-नए राजा बने नीरो ने खुद ही उसे बाहर निकलवाया.
कैसे हुई हत्याओं की शुरुआत
नीरो के अपने डर थे. जैसे वो अपने पिता की चौथी पत्नी का बेटा था और उसे डर था कि तीसरी पत्नी का बेटा बड़ा होने पर सत्ता के लिए लड़ाई कर सकता है. नीरो ने लॉकस्टा को इसी शर्त पर रिहा किया कि वो न केवल उसके सौतेले छोटे भाई को, बल्कि जिसे भी वो कहे, उसे जहर देगी. लॉकस्टा राजी हो गई. इस तरह से शुरू हुई एक सीरियल किलर की कहानी. इंडिया टुडे की एक रिपोर्ट में दुनिया की इस सबसे पहली सीरियल किलर के बारे में विस्तार से बताया गया है.
पेशे की तरह अपना लिया
हर हत्या के बाद नीरो लॉकस्टा को खूब धन-दौलत देता. अब लॉकस्टा इसे पेशे की तरह देखने लगी. कई सालों तक उसने न केवल रोम के शासक नीरो के लिए, बल्कि बहुत से व्यापारियों, राजपरिवार के दूसरे लोगों, सैनिकों सबके लिए ये काम किया. बदले में वो निश्चित रकम या जमीन मांगती. कहा जाता है कि वो जहरखुरानी के लिए लोगों को ट्रेनिंग देने का भी काम करने लगी.
हर्ब्स के बहाने सिखाती जहर बनाना
रोम में ही उसने एक स्कूल खोल लिया, जहां वैसे तो औषधियों की ट्रेनिंग दी जाती थी लेकिन जानने वालों को वो जहर बनाना भी सिखाने लगी. लॉकस्टा को 'agent of death-by-poison' भी कहा जाने लगा. इतनी कुख्याति के बाद भी वो खुश थी और लोगों को शौकिया भी मारने लगी थी.
मिली बर्बरतम सजा
बाद में रोम की सीनेट ने नीरो और लॉकस्टा के खिलाफ कार्रवाई की ठानी. ये 64 AD की बात है. लेकिन इससे पहले कि कोई और मारे या बंदी बनाए, नीरो ने खुद को ही कटार मार दी. इसके बाद लॉकस्टा की बारी थी. सीनेट ने उसके लिए एक बेहद क्रूर सजा सुनाई. कथित तौर पर उसका रेप करवा मृत लॉकस्टा को जंगली जानवरों के सामने फेंक दिया गया.
यहां मिलता है सजा का जिक्र
साल 1908 में बनी एक फिल्म ह्यूमेनिटी थ्रू द एज़ेस (Humanity Through the Ages) में इसका जिक्र भी है कि कैसे हजारों हत्याओं के बाद इसकी हत्या की गई. जहर देने वाली इस मध्ययुगीन महिला के चरित्र पर कई और फिल्में और टीवी शो भी बने, जिनमें पुराने युग की क्रूरता को खुलकर दिखाया गया है.
हालांकि लॉकस्टा की सजा के बारे में कोई पुख्ता प्रमाण नहीं मिले हैं. केवल माइकल न्यूटन की किताब The Encyclopedia of Serial Killers में इस चरित्र और उसे मिली जघन्य सजा का जिक्र है. वहीं एक ग्रीक हिस्टोरियन Cassius Dio ने लिखा था कि लॉकस्टा को पूरे शहर में घुमाया गया और फिर मार दिया गया.
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