जरा हटके

डॉक्‍टर ने बनाई 'मौत की मशीन', एक बटन दबाते ही इंसान खत्‍म

Manish Sahu
28 Aug 2023 2:28 PM GMT
डॉक्‍टर ने बनाई मौत की मशीन, एक बटन दबाते ही इंसान खत्‍म
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जरा हटके: मरना कोई नहीं चाहता, लेकिन कई बार हालात ऐसे हो जाते हैं कि इंसान इच्छामृत्यु की मांग करने लगता है. दुनिया के कई देशों में इच्‍छामृत्‍यु कानून है. गंभीर रूप से बीमार लोगों, जिनकी बीमारी कभी ठीक नहीं हो सकती और उन्‍हें दर्द से छुटकारा दिलाने के लिए इच्छामृत्यु की अनुमत‍ि दी जाती है. भारत में फ‍िलहाल इसकी मंजूरी नहीं मिलती. लेकिन इच्‍छामृत्‍यु कई बार इतनी दर्दनाक होती है कि लोग तड़पते रहते हैं. अब एक डॉक्टर ने ‘मौत की मशीन’ तैयार की है. उनका दावा है कि ताबूत की तरह दिखने वाली इस मशीन में इंसान को डालते ही बस एक बटन दबाना होगा और पलभर में सबकुछ खत्‍म. इसमें दर्द काफी कम हो जाता है. यह मशीन इच्‍छामृत्‍यु वालों को ‘शांतिपूर्वक’ मरने का मौका देगी.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, इस ‘सुसाइड पॉड’ को मशहूर एनजीओ एग्‍ज‍िट इंटरनेशनल के निदेशक डॉ. फ‍िलिप निश्के ने तैयार किया है. तब से उन्‍हें डॉ. डेथ के नाम से भी जाना जाता है. स्विटजरलैंड सरकार ने तो इच्‍छामृत्‍यु के लिए इस मशीन को कानूनी मंजूरी तक दे दी है. ‘डॉ. डेथ’ के मुताबिक, इस मशीन का इस्‍तेमाल अगले साल की शुरुआत में किया जा सकता है. इस सोच की वजह से डॉ. डेथ को खुदकुशी के सहायक एलन मस्‍क भी कहा जाने लगा है.
डॉ. डेथ ने कहा, यह एक गैस चैंबर की तरह है जो उपयोग के लिए तैयार है. हम जल्‍द इसे दुनिया के सामने पेश करने वाले हैं. यह उपकरण लोगों को शांतिपूर्वक अपनी जान लेने का मौका देगा. इसकी कीमत 3.22 लाख से लेकर 6.25 लाख तक होगी. जल्‍द ही इसे स्‍विटजरलैंड मं पेश किया जाएगा. बता दें कि वहां 1942 से इच्‍छामृत्‍यु कानूनी तौर पर मान्‍य है. डॉ. डेथ ने कहा, मैं पिछले हफ्ते स्‍व‍िटजरलैंड में था और वकीलों से बात की है. हालांकि, बहुत सारे लोगों ने मशीन को लेकर सवाल उठाए, लेकिन डॉक्‍टर डेथ ने इसे जनसेवा का काम बताया.
आख‍िर यह मशीन कैसे काम करेगी. इसके जवाब में डॉ. नित्स्के ने कहा, व्यक्ति मशीन में चढ़ जाएगा, उनसे तीन प्रश्न पूछे जाएंगे और उसे मौख‍िक तौर पर जवाब देना होगा. पहला ‘आप कौन हैं?’, दूसरा, ‘आप कहां हैं?’ और तीसरा ‘क्या आप जानते हैं कि बटन दबाने से क्या होता है?’ अगर वे तीनों सवालों के सही जवाब दे देते हैं तो सॉफ्टवेयर बिजली चालू कर देगा ताकि बटन दबाया जा सके. अगर वे बटन दबा दिए तो तुरंत सबकुछ खत्‍म. ताबूत के अंदर ऑक्सीजन का स्तर लगभग 21% होगा, लेकिन बटन दबाते ही यह घटकर एक प्रतिशत से भी कम हो जाएगा. बता दें स्‍व‍िटजरलैंड में अब तक इच्‍छामृत्‍यु वालों को गोली निगलनी होती है, जो हर कोई नहीं कर सकता. उनके लिए यह बेहद कारगर मशीन है.
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