जरा हटके

एक ऐसे प्राचीन शहर, जहां इंसान से लेकर जानवर तक अचानक बन गए थे पत्थर

Shiddhant Shriwas
24 July 2021 9:32 AM GMT
एक ऐसे प्राचीन शहर, जहां इंसान से लेकर जानवर तक अचानक बन गए थे पत्थर
x
आमतौर पर ऐसा सिर्फ किस्से-कहानियों में ही सुनने को मिलता है कि कोई इंसान या जानवर पत्थर का बन जाए। लेकिन इटली में एक ऐसा प्राचीन शहर है

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। आमतौर पर ऐसा सिर्फ किस्से-कहानियों में ही सुनने को मिलता है कि कोई इंसान या जानवर पत्थर का बन जाए। लेकिन इटली में एक ऐसा प्राचीन शहर है, जहां ऐसी घटना सच में हुई थी। वहां रहने वाले इंसान से लेकर जानवर तक पत्थर के बन गए थे। पत्थरनुमा उनके शरीर आज भी उस शहर से मिलते हैं। उन्हें देखकर ऐसा लगता है, जैसे वो इंसान नहीं बल्कि पत्थर की कोई मूर्ति हों, लेकिन जब लोग इसके पीछे की सच्चाई जान लेते हैं, तो उनकी रूह तक कांप जाती है।

दरअसल, हम बात कर रहे हैं पोम्पई शहर की, जो करीब 1940 साल पहले आबाद हुआ करता था। सैकड़ों साल पहले इस शहर में एक ऐसी भयानक घटना घटी थी कि एक झटके में ही पूरा का पूरा शहर तबाह हो गया था। इस जगह से वैज्ञानिकों को कई ऐसे सबूत मिले हैं, जिसके आधार पर वह कहते हैं कि शायद ही उस समय यहां कोई इंसान बच पाया होगा।

पोम्पई करीब 170 एकड़ में फैला हुआ है। यहां मौजूद खंडहरों के आधार पर ये माना जाता है कि इस शहर में करीब 11 हजार से 15 हजार लोग रहते होंगे। कुछ साल यहां खुदाई में पुरातत्व विभाग को एक घोड़े का शरीर और उसका कवच मिला था, जो पत्थर के बन गए थे। इसके अलावा यहां से एक आदमी का दिमाग भी मिला था, जो शीशे का बन गया था।

दरअसल, पोम्पई के करीब नैपल्स की खाड़ी में एक ज्वालामुखी है, जिसका नाम माउंट वसूवीयस है। 79 ईस्वी में यह ज्वालामुखी अचानक फट गया था, जिसकी वजह से भारी मात्रा में लावा, राख और गैस निकला था। इससे बड़े पैमाने पर तबाही मची थी।

पोम्पई में रह रहे लोग जब तक शहर को छोड़कर कहीं भाग पाते, तब तक ज्वालामुखी का लावा यहां तक पहुंच चुका था। इसकी वजह से यह इलाका इतना गर्म हो गया था कि लोगों का खून उबलने लगा था और खोपड़ियां फट गई थीं। साथ ही लावे की चपेट में आने से उनकी दर्दनाक मौत हो गई। बाद में जब तापमान गिरने की वजह से लावा ठोस रूप में आ गया तो इंसानों का शरीर भी पत्थर का बन गया।

पोम्पई के अलावा ज्वालामुखी ने एक और छोटे से शहर को तबाह किया था, जिसका नाम था हर्कुलेनियम। कहते हैं कि जब ज्वालामुखी फटा था, तो अपनी जान बचाने के लिए करीब 300 लोग यहां के बोटहाउसेज में घुस गए, लेकिन भयंकर गर्मी और लावे के कारण भयानक तरीके से उनकी मौत हो गई। साल 1980 में उनके पत्थरनुमा शव यहां से बरामद किए गए थे। पोम्पई और हर्कुलेनियम दोनों शहर फिलहाल यूनेस्को की धरोहर सूची में शामिल हैं।




Next Story