जरा हटके

हेयरस्टाइल की वजह से छात्र सस्‍पेंड, मैनेजमेंट ने बार-बार दी सजा

Manish Sahu
20 Sep 2023 12:27 PM GMT
हेयरस्टाइल की वजह से छात्र सस्‍पेंड, मैनेजमेंट ने बार-बार दी सजा
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जरा हटके: कुछ दिनों पहले कर्नाटक के एक स्‍कूल में छात्राओं के हिजाब पहनकर जाने पर विवाद हो गया था. सरकार का कहना था कि स्‍कूल में यूनिफार्म पहनना होगा ताकि सभी छात्र एक जैसे नजर आएं. स्‍कूल में अनुशासन बनाए रखने के लिए भी यह बेहद जरूरी है. मामला कोर्ट में पहुंचा और एक्‍सपर्ट तक ने कहा कि छात्राओं को स्‍कूल प्रशासन की बात माननी चाहिए. उधर छात्राओं का तर्क था कि यह उनकी निजता के अध‍िकार का मामला है, वजह जो चाहें वह पहन सकती हैं. अब ऐसा ही एक मामला अमेरिका में सामने आया है. जहां एक छात्र को बार-बार सिर्फ इस वजह से सस्‍पेंड किया जा रहा क्‍योंकि वह अलग हेयरस्‍टाइल में कॉलेज जा रहा है. इसे लेकर वहां भी विवाद गहरा गया है.
मामला टेक्सास के मोंट बेल्वियू में बारबर्स हिल हाईस्कूल का है. डैरिल जॉर्ज नाम का एक स्‍टूडेंट कुछ दिनों पहले चोटी बनाकर स्‍कूल पहुंच गया. उसने कहा कि यह उसका पैशन और फैशन है. लेकिन स्‍कूल मैनेजमेंट ने इसे अनुशासनहीनता बताते हुए कॉलेज से सस्‍पेंड कर दिया. छात्र की मां दर्रेशा जॉर्ज ने कहा कि जब सस्‍पेंसन खत्‍म होने के बाद जब वह फ‍िर स्‍कूल पहुंचा तो उसी हेयरस्‍टाइल में था. इस बार फ‍िर स्‍कूल मैनेजमेंट ने वही सजा दी और सस्‍पेंड कर दिया. इससे वह काफी परेशान है क्‍योंकि उसे ऐसी चीज के लिए दंडित किया जा रहा है जो उसकी शिक्षा के लिए जरूरी नहीं है.
दर्रेशा जॉर्ज का कहना है कि राज्‍य में क्राउन अधिनियम लागू है, जो कहता है कि कोई भी किसी के बालों की बनावट, बालों की चोटियों या हेयर स्‍टाइल के आधार पर नहीं रोक सकता है. अगर रोका गया तो यह भेदभाव होगा. वहीं, स्‍कूल प्रबंधन का कहना है कि छात्र के हेयरस्टाइल ने बार्बर्स हिल इंडिपेंडेंट स्कूल डिस्ट्रिक्ट ड्रेस और ग्रूमिंग कोड का उल्लंघन किया है. स्‍कूल के नियमों के मुताबिक, किसी भी छात्र के बाल किसी भी समय, भौंहों के नीचे या कान के नीचे नहीं बढ़ेंगे.
पर‍िवार में पीढ़ियों से चली आ रही यह परंपरा
छात्र की मां ने बताया कि उनके पर‍िवार में पीढ़ियों से यह परंपरा चली आ रही है. घर के सभी पुरुष घुंघराले बाल रखते हैं. ऐसी चोटी बनाकर रहते हैं. उनका बेटा भी इस परंपरा का पालन कर रहा है. यह हमारे लिए सांस्‍कृत‍िक और धार्मिक महत्‍व का विषय है. यह हमारी जड़ें हैं. हमारी मान्‍यता है कि हम अपने पूर्वजों को अपने बालों में कैद करके रखते हैं. अगर स्‍कूल ने हमें मौका नहीं दिया तो हम कानूनी कार्रवाई करेंगे.
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