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छात्र की छूटी फ्लाइट, अब इंडिगो कंपनी देगी 1.60 लाख रुपये का हर्जाना, जानिए पूरा मामला

Gulabi
2 Jun 2021 3:24 PM GMT
छात्र की छूटी फ्लाइट, अब इंडिगो कंपनी देगी 1.60 लाख रुपये का हर्जाना, जानिए पूरा मामला
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बंगलूरू के छात्र केविन मार्टिन को विमानन कंपनी इंडिगो 1.60 लाख रुपये का मुआवजा देगी

बंगलूरू के छात्र केविन मार्टिन को विमानन कंपनी इंडिगो 1.60 लाख रुपये का मुआवजा देगी। यह मामला साल 2019 का है, जब मार्टिन ने कंपनी के खिलाफ केस दर्ज कराया था। दरअसल केविन मार्टिन ने 2019 में आईआईटी गुवाहाटी के छात्र रहते हुए अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा की यात्रा के लिए राष्ट्रीय स्तर पर हुई परीक्षा पास की थी। लेकिन बंगलूरू से दिल्ली आने वाली उड़ान में उन्हें बैठने से रोक दिया गया था। इसकी वजह से वे अमेरिका नहीं जा पाए थे

उपभोक्ता फोरम ने कंपनी को आदेश दिया है कि वह केविन को एक लाख रुपये मुआवजा, 50 हजार रुपये मानसिक तनाव के लिए और 10 हजार रुपये केस की फीस दें। इसके साथ ही कंपनी उन्हें बंगलूरू से दिल्ली की टिकट राशि भी लौटाएगी। मालूम हो कि केविन जेईई मेन 2019 की रैंकिंग में दूसरे स्थान पर थे।
जानिए पूरा मामला
10 अगस्त 2019 को मार्टिन अमेरिका जाने वाले थे। उन्हें सुबह 6.30 बजे उड़ान भरने के लिए सूचीबद्ध इंडिगो की एक फ्लाइट में सवार होना था। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इंडिगो के ग्राउंड स्टाफ ने कथित तौर पर मार्टिन को बोर्ड पर चढ़ने से मना कर दिया। उनके पास एक वैध टिकट थी, तब भी वे उड़ान नहीं भर सके। कंपनी ने कहा था कि उड़ान ओवरबुक है। इंडिगो के कर्मचारियों ने उन्हें शाम को एक वैकल्पिक उड़ान की पेशकश दी, लेकिन इसकी वजह से वे अमेरिका के लिए अपनी कनेक्टिंग फ्लाइट से चूक जाते। इस तरह उनका नासा का सपना टूट गया। उन्होंने इंडिगो के निदेशकों, इंटर ग्लोब एविएशन लिमिटेड के खिलाफ 17 दिसंबर 2019 को जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग के साथ मामला उठाया।
इंडिगो का मानना है कि मामले को ओवरबुकिंग से संबंधित लागू दिशानिर्देशों के पूर्ण अनुपालन में संभाला गया था, जिसमें ग्राहक की उचित मुआवजे की पेशकश भी शामिल थी, जिसे ग्राहक ने अस्वीकार कर दिया था। इंडिगो अब इस मामले में कानून के अनुसार आवश्यक कदम उठाने के लिए उचित प्रक्रिया का पालन करेगी।
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