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अजीबोगरीब: यहां मूर्तियां करती हैं बातें, तंत्र साधना के लिए है प्रसिद्ध, 400 साल पहले हुआ था मंदिर का निर्माण

Gulabi
18 April 2021 7:53 AM GMT
अजीबोगरीब: यहां मूर्तियां करती हैं बातें, तंत्र साधना के लिए है प्रसिद्ध, 400 साल पहले हुआ था मंदिर का निर्माण
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दुनिया में अजीबोगरीब चीजों की कोई कमी नहीं है. इंसान की सोच से परे इन सब चीजों को देखकर दिमाग कई बार सुन्न हो जाता है

Patna: दुनिया में अजीबोगरीब चीजों की कोई कमी नहीं है. इंसान की सोच से परे इन सब चीजों को देखकर दिमाग कई बार सुन्न हो जाता है. भारत में कई ऐसे चमत्कार होते रहते हैं. वहीं, कहीं बार ईश्वर के होने, न होने को लेकर बातें होती रहती है. वैसे तो सभी मंदिरों में पत्थर की मूर्तियां होती है लेकिन यदि कहा जाए की मूर्ति बोलती है तो शायद इस बात पर भरोसा करना मुश्किल होगा. वहीं, देवी मां का एक ऐसा मंदिर है जहां मूर्ति तो पत्थर की है लेकिन वह आपस में बातें करती है.

वहीं, इसे अंधविश्वास कहे या देवी का चमत्कार कहें. लेकिन यह बात बिल्कुल सही है. वहीं, बिहार के बक्सर में ऐसा ही राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर (Raj Rajeshwari Tripur Sundari Temple) स्थित है, जिसे देखकर भगवान के होने का अहसास होता है. जहां प्रवेश करते ही भक्तों को देवी की शक्तियों का आभास होने लगता है और ऐसा लगता है की माता रानी आसपास है क्योंकि यहां मूर्तियां आपसे बात करती हैं.
तंत्र साधना के लिए प्रसिद्ध
करीब 400 साल पुराने इस मंदिर का निर्माण प्रसिद्ध तांत्रिक भवानी मिश्र ने किया था. तंत्र साधना के लिए राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर (Raj Rajeshwari Tripur Sundari Temple) में साधकों की हर मनोकामना पूरी होती है. इस वजह से तांत्रिकों की इस मंदिर के प्रति गहरी आस्था है इसलिए देर रात तक साधक मंदिर में साधना में करते रहते हैं. मंदिर में काली, त्रिपुर भैरवी, धुमावती, तारा, छिन्न मस्ता, षोडसी, मातंगड़ी, कमला, उग्र तारा, भुवनेश्वरी आदि दस महादेवियों की भी मूर्तियां हैं.
रात में सुनाई पड़ती आवाजें
राज राजेश्वरी त्रिपुर सुंदरी मंदिर के बारे में सबसे अनोखी बात यह है कि यहां मूर्तियां आपस में बातें करती हैं. वहीं, यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि, रात में जब चारों ओर शांति रहती है तब यहां किसी के बोलने की आवाजें सुनाई देती हैं. जानकारी के अनुसार, यह कोई वहम नहीं है इस मंदिर के परिसर में कुछ शब्द गूंजते रहते हैं और तंत्र साधना से ही यहां माता की प्राण प्रतिष्ठा की गई है.
बता दें कि इस मंदिर में बंगलामुखी माता, दत्तात्रेय भैरव, बटुक भैरव, अन्नपूर्णा भैरव, काल भैरव व मातंगी भैरव की प्रतिमा भी स्थापित की गई हैं. साथ हीं, मंदिर परिसर में कुछ न कुछ अजीब जरूर है, लेकिन वो क्या है इससे आज तक पर्दा नहीं उठ पाया है.
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