जरा हटके

राजस्थान में अजीब मान्यता, जेल से भागकर मंदिर जाते हैं कैदी; मंदिर में चढ़ाते हैं हथकड़ी

Tulsi Rao
6 April 2022 5:53 AM GMT
राजस्थान में अजीब मान्यता, जेल से भागकर मंदिर जाते हैं कैदी; मंदिर में चढ़ाते हैं हथकड़ी
x
दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, एक भगोड़े कैदी ने माता के दरबार में जेल के गेट का टूटा हिस्सा चढ़ाया है.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | Joganiya Mata Mandir: ईश्वर पर आस्था सिर्फ सज्जन पुरुषों को ही नहीं होती है, बल्कि चोर-डाकू भी खुद के बचने के लिए भगवान को मनाते हैं. राजस्थान के भीलवाड़ा से ऐसा ही एक अजीबोगरीब मामला सामने आया है. यहां जेल से भागे एक कैदी ने ऐसा काम किया है, जिसके बारे में जानकर लोग हैरान रह गए हैं. दैनिक भास्कर की खबर के अनुसार, एक भगोड़े कैदी ने माता के दरबार में जेल के गेट का टूटा हिस्सा चढ़ाया है.

माता का अनोखा मंदिर
रिपोर्ट के अनुसार, राजस्थान के भीलवाड़ा बेंगू तहसील में माता का एक मंदिर स्थित है. मान्यता है कि जेल से भागे कैदी इस मंदिर में हथकड़ी चढ़ाते हैं. जबकि एक कैदी ने हथकड़ी की जगह जेल के गेट का टूटा हिस्सा ही मंदिर में चढ़ा दिया. हालांकि किस कैदी ने जेल के गेट का हिस्सा मंदिर में चढ़ाया है, यह पता नहीं चल पाया है. लोगों का मानना है कि कोई अपराधी जेल से भागने में सफल रहा होगा, इसलिए उसने जेल के गेट का हिस्सा माता को खुश करने के लिए चढ़ाया है.
बता दें कि चित्तौड़गढ़ जिले के भीलवाड़ा बेंगू तहसील में स्थित जोगणिया माता मंदिर के बारे में कहा जाता है कि मां के दर से कोई भी खाली हाथ नहीं जाता. फिर चाहे वह राजा हो या रंक हो अथवा कोई अपराधी. जिले से 85 किलोमीटर दूर राजस्थान और मध्यप्रदेश की सीमा से लगते उपरमाल पठार के दक्षिणी छोर पर पहाड़ी और सौंदर्य के बीच प्राचीन जोगणिया माता का मंदिर है. इस मंदिर का निर्माण 8वीं शताब्दी के लगभग माना जाता है.
मंदिर परिसर में लटकी हुई हैं हजारों हथकड़ियां
मान्यता है कि यहां पहले अन्नूपर्णा देवी का मंदिर हुआ करता था. हालांकि अन्नपूर्णा की बजाय जोगणिया माता के नाम से यह शक्ति पीठ प्रसिद्ध हुआ. मंदिर परिसर में आपको ढेर सारी लटकी हुई हथकड़ियां दिख जाएंगी, जिनके बारे में कहा जाता है कि वारदात को अंजाम देने से पहले चोर और डाकू माता का आशीर्वाद लिया करते थे. इसके बाद वह पुलिस के चंगुल से फरार हो जाते हैं. पुलिस के चंगुल से छूटने के बाद जब वह वापस मां के दरबार में पहुंचते थे तो उनके हाथों में लगी बेड़ियां अपने आप ही खुल जाया करती हैं.


Next Story