जरा हटके

छोटी सी लापरवाही की कीमत 61 अरब रुपये, एक ही परिवार को मिलेंगे पैसे

Manish Sahu
14 Sep 2023 6:55 PM GMT
छोटी सी लापरवाही की कीमत 61 अरब रुपये, एक ही परिवार को मिलेंगे पैसे
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जरा हटके: छोटी सी लापरवाही की कीमत 61 अरब रुपये, जी हां-61 अरब. ये सारे पैसे एक ही पर‍िवार को मिलने वाले हैं. फ‍िर भी पर‍िवार मातम मना रहा है. वजह जानकर आपको भी दुख होगा. साथ ही सबक भी मिलेगा. क्‍योंकि हम सब वाहन चलाते हैं और अक्‍सर ऐसी लापरवाही कर देते हैं. पूरा मामला जानेंगे तो आप हैरान रह जाएंगे.
डेली मेल की रिपोर्ट के मुताबिक, मामला अमेरिका का है. सेंट लुइस की रहने वाली 25 साल की मारिसा पॉलिटे एक दिन दफ्तर से घर निकल रही थीं. तभी सामने से एक कार आई और कुचलकर चली गई. मार‍िसा को लहूलुहान हालत में अस्‍पताल ले जाया गया लेकिन बचाया नहीं जा सका. पुलिस न जांच शुरू की तो पता चला कि कार का चालक 20 साल का एक लड़का था. और उसने हादसे से पहले व्हिप-इट लिया था. इसमें नाइट्रस ऑक्साइड होता है, जिसे लाफिंग गैस के नाम से भी जाना जाता है. पता चला कि व्हिप-इट लेने की वजह से वह गाड़ी चलाते समय सो गया, जिससे कार से उसका नियंत्रण खत्‍म हो गया था.
मामला कोर्ट पहुंचा. मार‍िसा के पर‍िवार ने कोर्ट में कंपनी को घसीटा. कहा-कंपनी किसी और चीज की आड़ में जहर बेच रही है. भले ही इसका उपयोग कहीं और होता हो लेकिन यह जहर ही है. अदालत ने कंपनी को दोषी पाया और परिवार को 745 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने का आदेश दिया. समझौते की शर्तों के अनुसार, 70 प्रतिशत हिस्‍सा कंपनी देगी. 20 प्रतिशत बेचने वाला और 10 फीसदी चालक का पर‍िवार वहन करेगा. इसे हादसे में सबसे बड़ा मुआवजा बताया जा रहा है.
कोर्ट ने कहा कि वाहन चलाने के दौरान नशीली दवाओं का उपयोग करना अवैध है और यह चालक को पता था. बता दें कि नाइट्रस ऑक्साइड लेने से मतली, चक्कर आना, सिरदर्द और बेहोशी हो सकती है. दुनिया के कई देशों में इसे बेचना और रखना अवैध माना जाता है. यहां तक क‍ि जेल की सजा भी हो सकती है.
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