x
चाचा को मिली थी ज़िम्मेदारी
बड़े शहरों और न्यूक्लियर फैमिली के चलन में सबसे बड़ी समस्या बच्चों के सामने उठ खड़ी होती है. सिंगल फैमिली में रहने के चलते अगर माता-पिता को कहीं जाना हो तो बच्चों की देखरेख एक बड़ी समस्या है. पैसे देकर तो कोई भी काम नामुमकिन नहीं मगर अपने कलेजे के टुकड़े को किसी अनजान के पास छोड़ना दिल को कबूल नहीं होता. ऐसे में ज़रूरत होती है किसी अपने की.
इन्हीं हालातों को लेकर एक शख्स ने रेडिट पर आपबीती साझा की. दरअसल एक शख्स ने भाई-भाभी की गैरमौजूदगी में उनके बच्चों के देखरेख की ज़िम्मेदारी ली. मगर वो अपने तय वक्त पर नहीं आ पाए लिहाज़ा उसे अपनी प्रोफेशनल ज़िम्मेदारियों के जूझना पड़ा. लिहाज़ा उसके एक एक्स्ट्रा दिन के लिए एक बेबीसिटर हायर कर लिया (Hired a babysitter) जिसका एक दिन का 15 हज़ार का बिल देखने के बाद शुरु हुआ पूरा ड्रामा. हालांकि रेडिट (Reddit) पर लोग उस अंकल को ही सपोर्ट कर रहे हैं जिसने अपने वादे के मुताबिक बच्चों को संभाला था.
2 दिन कहकर 3 दिन गायब हो गए पैरेंट्स
23 साल के एक लड़के को उसकी ही फैमिली ने बॉयकॉट कर दिया जबकी उसने अपना प्रॉमिस ईमानदारी से निभाया था. दरअसल बड़े भाई को पत्नी के साथ मेडिकल इमरजेंसी में 2 दिन के लिए शहर से बाहर जाना था. लिहाज़ा बच्चों के देखभाल के लिए बच्चो के अंकल यानि अपने भाई से मदद मांगी. भाई ने भी 2 दिन की ज़िम्मेदारी के लिए हामी भर दी. हालांकि उसके उसी वक्त ये भी बता दिया था कि दो दिन बाद वो बच्चों को नहीं संभाल पाएगा क्योंकि उसके बाद उसके ऑफिस की ज़रूरी मीटिंग्स और अपॉइंटमेट्स है जिसे वो नहीं छोड़ सकता (After that he has important office meetings and appointments which he cannot miss). लिहाज़ा पैरेंट्स ने भी इसके लिए हां कह दी. मगर वो अपने वादे से चूक गए.
बेबीसिटर का बिल देख भड़क गए पैरेंट्स
2 दिन बाद पैरेंट्सने देर रात कॉल कर चाचा को बताया कि वो एक और दिन नहीं आ पाएंगे. इसलिए बच्चे उसी के पास रहेंगे. ये सुनते ही शख्स आगबबूला हो गया. उसके पहले ही अपने ज़रूरी ऑफिशियल्स के बारे में बता रखा था. जो उसके करियर और फ्यूचर के लिए बेहद ज़रूरी था. अब वो अपने शेड्यूल में कोई बदलाव करने की हालत में भी नहीं था. लिहाज़ा मजबूरी में उसने एक बेबीसिटर हायर किया और उसका एक दिन का 15 हज़ार का बिल माता-पिता को भेज दिया. जिसके देखते ही वो भड़क उठे (Sent a bill of 15K for a day to the parents. On seeing this, he got furious.). पैरेंट्स ने किसी अंजान के हाथों में अपने बच्चे सौंपने पर नाराज़गी जताई . हालांकि अंकल ने उन्हें बताया कि Work from home में था और काम के साथ वो बेबीसिटर और बच्चों पर नज़र रख रहा था (With work he was keeping an eye on the babysitter and the children). फिर अगले फेस्टिवल पर उसे न्योता ही नहीं भेजा जबकि उसमें सभी घरवाले और क्लोज़ फ्रेंड्स शामिल हुए थे. रेडिट पर ये पोस्ट देखने के बाद सभी ने बेचारे अंकल को ही सपोर्ट किया. कि उसके अपने काम के बीत किसी और के बच्चों की ज़िम्मेदारी उठाई. जबकि माता-पिता खुद लापरवाह थे. ऐसे में उन्हें उस बिल का भुगतान ज़रूर करना चाहिए जो उनके ही बच्चों पर खर्च किया गया.
Next Story