जरा हटके
बच्चों की रेस देख सब हुए लोटपोट, घुटनों के बल चलकर पूरी की मजेदार रेस
Gulabi Jagat
27 May 2022 2:28 PM GMT
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आपने असल में या टीवी पर रेसिंग तो जरूर देखी होगी
आपने असल में या टीवी पर रेसिंग तो जरूर देखी होगी. जब धावक जी-जान लगाकर दौड़ते हैं और एक दूसरे को मात देने के फिराक में सबसे तेज भागने की कोशिश करते हैं. ये रेस तो काफी चैलेंजिंग होती है मगर छोटे बच्चों की रेस काफी मजेदार होती है. वो इसलिए क्योंकि इस रेस में कंप्टीशन की भावना से ज्यादा मस्ती होती है और बच्चे पैरों (toddlers race video) की जगह घुटनों से चलकर रेस पूरी करते हैं.
@TansuYegen नाम के ट्विटर अकाउंट पर हाल ही में एक वीडियो (babies racing video) शेयर किया गया है जिसमें नन्हे-मुन्ने बच्चे रेस करते दिख रहे हैं. मगर मजेदार बात ये है कि ये सब इतने छोटे हैं कि पैरों के बल भी नहीं चल पा रहे. उन्हों घुटनों (babies crawling on knees) के बल चलना पड़ रहा है और एक दूसरे को रेस में मात देने की कोशिश कर रहे हैं. वो अलग बात है कि बच्चे इतने छोटे हैं कि उन्हें हार-जीत का भी अर्थ नहीं पता है!
बच्चों की रेस देख सब हुए लोटपोट
वीडियो में बच्चे और उनके पैरेंट्स बास्केटबॉल कोर्ट पर दिखाई दे रहे हैं. एक तरफ से सारे बच्चों को छोड़ा जा रहा है और उनका लक्षय है कुछ दूरी पर बनी फिनिश लाइन को पार कर अपने माता-पिता तक पहुंचना. अब जब बच्चे इतने छोटे हों और उन्हें अपनी ही उम्र के दूसरे बच्चे दिख जाएं तो वो रेस पर नहीं, एक दूसरे पर ध्यान देने लगते हैं. ऐसा ही इस वीडियो में भी नजर आ रहा है. जहां मां-बाप बच्चों को अपनी ओर बुलाते दिख रहे हैं वहीं बच्चे बीच में रुककर एक दूसरे के साथ मस्ती करते नजर आ रहे हैं. बीच में वो इधर-उधर मुड़ जा रहे और दूसरे बच्चों के साथ दिशा ही बदल दे रहे हैं.
The cutest sport in the world - Crawling race for babies🍼🍼🍼pic.twitter.com/2Nzz2XSY1U
— Tansu YEĞEN (@TansuYegen) May 26, 2022
वीडियो पर लोगों ने दी प्रतिक्रिया
ये वीडियो इतना क्यूट है कि इसे लोग बहुत पसंद कर रहे हैं. वीडियो को 2 लाख से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं जबकि कई लोगों ने कमेंट में प्रतिक्रिया भी दी है. जहां कई लोग वीडीयो को क्यूट और मनोरंजन से भरा बता रहे हैं वहीं बहुत से लोग इसकी आलोचना भी कर रहे हैं. एक शख्स ने कहा कि बच्चों को जानवरों की तरह रेस करवाना कहीं से भी ठीक नहीं है. एक ने कहा कि इतने छोटे बच्चों को कंप्टीशन की भावना से दूर रखना चाहिए. छोटे बच्चों पर शर्त लगाना बिल्कुल भी ठीक नहीं है.
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