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वैज्ञानिकों को मिला था दुनिया का सबसे पुराना पहिया, उम्र देखकर सब हुए थे हैरान

Gulabi Jagat
4 April 2022 10:25 AM GMT
वैज्ञानिकों को मिला था दुनिया का सबसे पुराना पहिया, उम्र देखकर सब हुए थे हैरान
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दुनिया का सबसे पुराना पहिया
ये दुनिया कितनी पुरानी है इसका अंदाजा वैज्ञानिक हमेशा से लगाते रहे हैं. हालांकि, दुनिया की असल उम्र का सिर्फ अंदाजा ही लगाया जाता है, सही उम्र के बारे में कोई नहीं जानता. वक्त के साथ इंसानों ने भी तरह-तरह के आविष्कार किए और खुद को विकसित होने की दिशा में आगे बढ़ाया. कई बार वैज्ञानिकों को इतिहास (Oldest wheel found by scientists) से जुड़ी ऐसी पुरानी चीजें मिली हैं जिसे इंसानों ने गुजरे दौर में बनाया था. ऐसी ही एक चीज है लकड़ी का प्राचीन पहिया (Ancient wooden wheel found in Slovenia). जिसकी उम्र ने वैज्ञानिकों को चौंका दिया था.
साल 2002 में वैज्ञानिकों को एक लकड़ी का प्राचीन पहिया मिला था जो जर्जर अवस्था में था. पहिये को देखकर कोई भी कह सकता था कि वो काफी पुराना है मगर उसकी असल उम्र का जब पता चला तो हर कोई दंग रह गया. ये पहिया अब दुनिया का सबसे पुराना लकड़ी का पहिया माना जाता है. स्लोवेनिया की राजधानी लूबियाना (Ljubljana, Slovenia) से करीब 20 कीलोमीटर दूर साउथईस्ट में ये पहिया वैज्ञानिकों को मिला था.
5000 साल से ज्यादा पुराना था पहिया
slovenia.si वेबसाइट की साल 2020 में पब्लिश हुई एक रिपोर्ट के अनुसार वैज्ञानिकों ने जब पहिये को देखा तो उन्हें वो आम सा ही लगा मगर जब रेडियोकार्बन तरीके से उसकी जांच हुई तो पता चला कि उस दौरान स्विट्जरलैंड और जर्मनी में जो पहिये मिले थे, ये पहिया उससे भी 100 साल पुराना था. वैज्ञानिकों ने पाया कि वो पहिया (5000 year old wooden wheel in slovenia) 5,100 से लेकर 5,350 साल पुराना था.
पहिया का रेडियस 70 सेंटीमीटर था
वैज्ञानिकों ने बताया कि पहिया ओक और एश के पेड़ की लकड़ियों से मिलकर बनाया गयाा था. पहिये का रेडियस 70 सेंटीमीटर था और वो 5 सेंटीमीटर मोटा था. पहिये के साथ एक्सल, वो डंडा जिसपर पहिये लगे होते हैं, भी मिला था जो पहिये जितना ही पुराना था. उसकी लंबाई 120 सेंटीमीटर के करीब थी. वैज्ञानिकों ने जानकारी दी थी कि पहिये को झुलसा दिया था जिससे उसपर दीमक ना लगें. स्लोवेनिया के एक्सपर्ट्स ने ये दावा किया था कि पहिया सिंगल एक्स कार्ट का था. ये पहिया यूरोप की सभ्यता का प्रतीक बताया जाता है और इसे जनता को दिखाने के लिए पहली बार साल 2013 में लूबियाना के सिटी म्यूजियम में रखा गया था.
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