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खरगोश खाता है अपनी ही पॉटी, वजह जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान

Tulsi Rao
11 Feb 2022 5:33 PM GMT
खरगोश खाता है अपनी ही पॉटी, वजह जानकर आप भी हो जाएंगे हैरान
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उसके द्वारा अपनी ही पॉटी (Rabbit Poo) खाने की इस प्रक्रिया का नाम है,'ऑटोकॉर्पोफेजी'.

जनता से रिश्ता वेबडेस्क। क्या आप कभी सोच भी सकते हैं कि पॉटी यानी मल (Poo) जिसका नाम पब्लिक में लेने से लोग झिझकते हैं, कोई उसे खा सकता है! वो भी अपनी ही पॉटी! लेकिन ये बात 100 फीसदी सही है और इसके पीछे विज्ञान छुपा हुआ है. दुनिया में एक ऐसा जानवर है जो दिखने में बहुत प्यारा होता है, लेकिन खुद की ही पॉटी खाता है. शायद आप इस खबर को पढ़ने के बाद उस जानवर से घृणा कर सकते हैं. ये जानवर है खरगोश (Rabbit) और उसके द्वारा अपनी ही पॉटी (Rabbit Poo) खाने की इस प्रक्रिया का नाम है,'ऑटोकॉर्पोफेजी'.

खरगोश के लिए पॉटी खाना एक जरूरी प्रक्रिया
अपनी ही पॉटी खाना खरगोशों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए एक जरूरी प्रक्रिया है. दरअसल खरगोश एक ऐसा जीव है जिसका पाचन तंत्र बहुत अधिक विकसित नहीं होता. खरगोश अधिकतर घास खाकर ही अपना जीवन बिताते हैं. इसीलिए उनके शरीर से बहुत से जरूरी न्यूट्रिएंट्स बिना पचे ही बाहर निकल जाते हैं इसीलिए खरगोश उसे खाकर फिर से अधिक से अधिक पोषक तत्व पचाते हैं.
इसके पीछे भी साइंस है
दरअसल खरगोश की पॉटी दो किस्म की होती है. एक लिक्विड के रूप में और दूसरी टैबलेट जैसी. पहली टाइप की पॉटी को सीकोट्रोप कहा जाता है. यह पोषक तत्वों से भरपूर होती है जो द्रव्य रूप से शरीर से बाहर निकल जाती है. इसी को खरगोश खा लेते हैं. इसे पूरी तरह से पचा कर टैबलेट के रूप में पॉटी करते हैं. सीकोट्रोप यानी इस द्रव्य पॉटी में टैबलेट वाली पॉटी की तुलना में दोगुने पोषक तत्व होते हैं. इनमें बहुत अधिक मात्रा में विटामिनK और विटामिन B12 होता है. अगर खरगोश द्रव्य पॉटी को नहीं खाएंगे तो उनके शरीर से अधिकतर पोषकतत्व बिना पचे ही निकल जाएंगे.
सिर्फ रात में ही खाते हैं अपनी पॉटी
गौरतलब है कि खरगोश शाकाहारी जानवर होते हैं जो सिर्फ घास, सब्जियां ही खाते हैं. उनके शरीर के लिए फाइबर बहुत जरूरी है. उनका पाचन तंत्र रात में तेजी से काम करते हुए बहुत से भोजन को बिना पचाए ही बाहर निकाल देता है. इसीलिए वो अक्सर ये द्रव्य पॉटी रात को ही करते हैं और उसी समय इसे खा लेते हैं. इसके बाद वो उसे पूरी तरह से पचाकर बाहर निकलते हैं. इस टैबलेट के आकार की पॉटी को वो नहीं खाते.
ऐसा करने वाले सिर्फ खरगोश ही नहीं
उल्लेखनीय है कि जानवरों की दुनिया में सिर्फ खरगोश ही ऐसा जीव नहीं है जो अपनी पॉटी खाता है. गिनी पिग, छोटे चूहों और ऐसे ही मिलते-जुलते शाकाहारी जानवरों में यह प्रवृत्ति पाई जाती है. वैसे दूसरों की पॉटी खाने वाले जीव भी हमारे पर्यावरण के लिए बहुत फायदेमंद हैं. छोटे बैक्टीरिया से लेकर सुअर जैसे बड़े जीव भी दूसरों की पॉटी खाकर वातावरण साफ रखने में मदद करते हैं.


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