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रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में व्लादिमीर पुतिन जिस तरह एग्रेसिव दिखाई दे रहे हैं
रूस और यूक्रेन के बीच चल रही जंग में व्लादिमीर पुतिन (Russian President Vladimir Putin) जिस तरह एग्रेसिव दिखाई दे रहे हैं, वो दुनिया में किसी बड़े खतरे का संकेत दे रहा है. कुछ लोग देश छोड़कर भाग रहे हैं तो कुछ लोगों ने देश के अंदर ही हथियार उठा लिए हैं. रूस की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे हथियारों का सामना करना किसी भी देश के लिए आसान नहीं है क्योंकि ये बेहद एडवांस फोर्स है.
यूक्रेन (Ukraine War News) के साथ लड़ाई जिस तरह बढ़ रही है उससे रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन काफी भड़के हुए भी नज़र आ रहे हैं. ऐसे में हो सकता है वे हमलों के साथ-साथ हथियारों की भी इंटेंसिटी बढ़ा दें. वैसे भी पुतिन के हथियारों के बेड़े में एक से बढ़कर एक ऐसे हथियार हैं, जो गैर पारंपरिक और असाधारण हैं. चलिए आपको बताते हैं रूसी सेना के कुछ ऐसे ही अजीबोगरीब हथियारों के बारे में, जिन्हें बनाना आसान नहीं है.
रूसी वैज्ञानिकों ने अपने देश की रक्षा के लिए कुछ ड्राइवर लेस रोबोट टैंक्स भी तैयार किए हैं. उनका दावा है कि ये टैंक सेंसर, रॉकेट, मशीन गन और फ्लेमथ्रोअर्स से लैस हैं, जिससे दुश्मनों की हालत खराब की जा सकती है. क्रेमलिन की एओर से Uran-9 strike robots की सीरिया में सफल टेस्टिंग का भी दावा किया जा चुका है. ये टैंक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और रिमोट कंट्रोल के ज़रिये चलाए जा सकते हैं. बताया जाता है कि रूस का BMPT-72 "Terminator" न्यूक्लियर धमाके भी झेल सकता है और T-14 robot super tank अदृश्य भी हो सकता है.
उड़ने वाली बंदूकें
रूस के एक्स विंग लैंस ड्रोन को उड़ने वाली कलाश्निकोव भी कहा जा सकता है. इससे बिना इंसानों वाली वॉरप्लेन को डाउन किया जा सकता है. ये सर्विलांस क्राफ्ट पर हमला करने की क्षमता रखती हैं.
खतरनाक कुत्तों की फौज
पुतिन के बेड़े में कुछ पैराट्रूपर डॉग्स भी शामिल हैं. जिन्हें पैराशूट के ज़रिये उनके हैंडलर ज़मीन में उतार सकते हैं. इन असाधारण कुत्तों को 13 हज़ार फीट की ऊंचाई से नीचे पैराशूट से उतरने की ट्रेनिंग दी जा चुकी है, जो कॉम्बैट मिशन और सैनिकों की सुरक्षा के लिए तैनात किया जा सकता है.
लैंड वॉटर टैंक
सिर्फ कुत्ते ही नहीं रूस की सेना में इतने हल्के टैंक भी मौजूद हैं, जो पैराशूट से नीचे उतरकर ज़मीन और पानी में भी चल सकते हैं. ये समुद्र में रहते हुए 3 मील की दूरी तक टार्गेट कर सकती हैं.
खुद ब खुद चलने वाली बंदूकें
रूस की सेना में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस वाली कलाश्निकोव राइफल भी शामिल हैं इन बंदूकों के पास अपना दिमाग है. ये खुद टार्गेट को पहचानकर अपना ट्रिगर दबा सकती हैं. इसके लिए इंसान की ज़रूरत नहीं होती, इन्हें सिर्फ अनुमति चाहिए होती है.
अदृश्य ड्रोन
S-70 Okhotnik – जिसे हंटर भी कहा जाता है. ये ऐसा ड्रोन है, जो फ्लैट है और इसमें कोई टेल नहीं है. यही वजह है कि रडार इसे पकड़ ही नहीं सकते. इस ड्रोन के उड़ने की क्षमता मॉस्को से लंदन तक तक है. इसमें मिसाइल, स्पाइंग रडार और अन्य उपकरण भी लगे हुए हैं.
Gulabi
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