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व्हेल मछली की उल्टी से करोड़पति बने गरीब मछुआरे, जानिए कैसे हुआ चमत्कार

Khushboo Dhruw
3 Jun 2021 6:44 PM GMT
व्हेल मछली की उल्टी से करोड़पति बने गरीब मछुआरे, जानिए कैसे हुआ चमत्कार
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व्हेल मछली के पेट के अंदर देखा तो उसमें व्हेल की उल्टी थी

अगर कोई आपके सामने उल्टी का नाम भी ले दें तो तुरंत आपका मिजाज गड़बड़ा जाता होगा. जाहिर सी बात है कि उल्टी का नाम सुनते ही लोगों को घिन आने लगती है. लेकिन एक जीव ऐसा भी है, जिसकी उल्टी को लोग ढूंढते फिरते हैं, मगर वो किसी किस्मत वाले को ही मिलती है. दरअसल जिस शख्स के हाथ ही व्हेल की उल्टी लग जाती है तो उसकी किस्मत पलट जाती है. ऐसा ही कुछ यमन में रहने वाले मछुआरों के साथ भी हुआ. दरअसल जब ये मछुआरे घर से मछली पकड़ने निकले थे तो उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि आज उनकी पौ बारह होने वाली है.

एक रिपोर्ट के मुताबिक ये मछुआरे रोज की तरह मछली पकड़ने के लिए निकले थे. मछुआरों ने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि व्हेल मछली के पेट से उन्हें इतना कीमती खजाना मिल जाएगा. यमन के एडेन के खाड़ी में मछली पकड़ने गये मछुआरों की तकदीर एक मरी हुई व्हेल मछली ने बदलकर रख दी. मछुआरों के हाथ व्हेल मछली की उल्टी लग गई. जिसकी कीमत करोड़ों में है. 35 मछुआरे के एक ग्रुप मछली पकड़ने एडेन की खाड़ी में गया था. जहां उसे पता चला कि खाड़ी में एक व्हेल मछली का शव तैर रहा है, जिसके बाद उन्होंने व्हेल मछली को पकड़ कर किनारे लगा लिया.
मछुआरो ने बताया कि उन्हें मछली के पास से कुछ गंध आ रही थी. फिर उन्होंने व्हेल मछली के पेट के अंदर देखा तो उसमें व्हेल की उल्टी (Ambergris) थी. व्हेल मछली के पेट से उल्टी मिलते ही मछुआरे खुशी से झूमने लगे, क्योंकि उन्हें पता था कि अब उनकी जिंदगी बदल चुकी है. व्हेल मछली के पेट से इन मछुआरों को 127 किलो उल्टी मिली है. जिसकी कीमत 11 करोड़ के आसपास बताई जा रही है. मछुआरे यमन के युद्ध प्रभावित इलाके अल खएसा के हैं और इस घटना के बाद उनके गांव में भी खुशी का माहौल है.
आपको बता दें कि व्हेल की उल्टी से मिलने वाले एम्बरग्रीस (Ambergris) का इस्तेमाल परफ्यूम इंडस्ट्री में किया जाता है. इसमें एक बिना गंध का ऐल्कोहॉल मौजूद होता है, इसस बने परफ्यूम की महक लंबे समय तक बरकरार रखता है. व्हेल की उल्टी यानि एम्बरग्रीस (Ambergris) ठोस, मोम जैसा ज्वलनशील पदार्थ है. एम्बरग्रीस स्पर्म वेल की आंतों में मौजूद रहता है. पानी के अंदर व्हेल मछली कई बार ऐसे जीवों को खाती हैं, जिन्हें वो पूरी तरह पचा नहीं पातीं. ऐसे में व्हेल के अंदरूनी हिस्से में मौजूद एंबरग्रीस उन्हें चोट से बचाता है.


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