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पुलिसकर्मी की दरियादिली, लॉकडाउन में बेसहारा जानवरों का भर रहे हैं पेट

Gulabi
13 May 2021 9:13 AM GMT
पुलिसकर्मी की दरियादिली, लॉकडाउन में बेसहारा जानवरों का भर रहे हैं पेट
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केरल में लॉकडाउन लगा है। ऐसे में होटल, रेस्टोरेंट और ढाबे आदि बंद हैं

केरल में लॉकडाउन लगा है। ऐसे में होटल, रेस्टोरेंट और ढाबे आदि बंद हैं। जाहिर है लोग घरों से नहीं निकल रहे तो ढाबे वगैराह खोलने का कोई औचित्य भी नहीं बनता। लेकिन बेघर जानवर, जिनका पेट इन होटलों और ढाबों की जूठन से भरता था उन्हें भूख का सामना करना पड़ रहा है। खैर, बहुत से लोग हैं जो लॉकडाउन में आवारा जानवरों की भूख मिटा रहे हैं। ऐसे ही एक शख्स हैं नेमोम पुलिस स्टेशन के सब इंस्पेक्टर सुब्रमण्यम पोट्टी एस, जो रोजाना वेल्लायनई लेक के पास बेजुबानों को खाना खिलाते नजर आते हैं।


दो माह से कर रहे हैं ये काम
'न्यू इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, भले ही सुब्रमण्यम कितने व्यस्त हों, लेकिन वो कभी अपने बेजुबान 'दोस्तों' को खाना खिलाना नहीं भूलते। इतना ही नहीं, वे डॉग्स को खाना खिलाने के बाद जगह की साफ-सफाई का भी ध्यान रखते हैं। असल में, नेदुमंगड़ के रहने वाले सुब्रमण्यम बीते दो महीनों से बेजुबानों को खाना खिला रहे हैं।

ऐसे हुई इसकी शुरुआत…
दरअसल, रात में पेट्रोलिंग के दौरान उन्होंने इन कुत्तों को देखा था। वो बताते हैं, 'रात के करीब ढाई बज रहे थे, जब में झील के किनारे पहुंचा और दो दुबले-पतले कुत्ते मेरी तरफ चले आए। उनकी हालत देखकर मेरा मन उदास हो गया, जिसके बाद मैंने उन्हें खाना खिलाना शुरू कर दिया। भले ही सुब्रमण्यम ड्यूटी पर हों, लेकिन वह इसका पूरा ख्याल रखते हैं कि डॉग्स भूखे ना रहें।

बेजुबानों को नहीं खिलाते जूठन!
वो कहते हैं, 'मैं वेजिटेरियन हूं और हम घर मैं मांस नहीं पकाते। इसलिए मैं रोजाना इन बेजुबानों के लिए बाजार से डोसा, परांठा या चिकन आदि खरीदता हूं। चाहे मैं छुट्टी पर हूं लेकिन मैं इसका पूरा ख्याल रखता हूं कि मेरे सहयोगी उन्हें वक्त पर खाना खिलाएं। बता दें, सुब्रमण्यम अपने घर के आस-पास घूमने वाले डॉग्स को भी खाना खिलाते हैं, जिसमें उनकी पत्नी और बच्चे भी मदद करते हैं।

लोगों को प्रेरित करना है मकसद
सबसे बड़ी बात कि सुब्रमण्यम इन बेजुबानों को जूठन नहीं खिलाना चाहते। यह वजह है कि वो इनके लिए बाहर से भोजन खरीदते हैं। इस नेक काम के लिए लोग सुब्रमण्यम की तारीफ करते हैं। लेकिन वो चाहते हैं कि लोग उनसे प्रेरित होकर आवारा और बेघर जानवरों को पेट भरें। यही मेरी उपलब्धि होगी।


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