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जनता से रिश्ता वेबडेस्क। Bihar Wedding News: बिहार के आरा में एक पुलिसकर्मी ने अपनी स्कूल लाइफ की प्रेमिका के साथ बिना गाजे बाजे और दान-दहेज के बीच शादी रचाई है, जहां इस शादी समारोह में पुलिस विभाग के अधिकारी और थानाध्यक्ष समेत कई पुलिसकर्मी बाराती के रुप में मौजूद रहे. मामला जिले के बिहिया थाना क्षेत्र के महथीन माई मंदिर की है. जानकारी के अनुसार बिहिया नगर स्थित महथिन मंदिर में सोमवार को एक प्रेमी जोड़े की शादी बिहिया थाना के लगभग सभी पुलिस कर्मियों की उपस्थिति में सादे तरीके से संपन्न हुई. बिना बैंड-बाजा व शहनाई के हुई इस शादी में बिहिया थाने में तैनात सिपाही रविन्द्र चौधरी दूल्हा बने हुए थे. वहीं उनकी प्रेमिका निशा कुमारी बतौर दुल्हन के रूप में सजधज कर तैयार थीं.
अपनी प्रेमिका संग पुलिसकर्मी ने रचाई शादी
इस दौरान मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चारण के बीच दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर मां महथिन माई को साक्षी मानकर एक-दूजे के साथ शादी रचाई. वहीं शादी समारोह के बीच बाराती की भूमिका में जगदीशपुर डीएसपी श्याम किशोर रंजन और बिहिया थाना के थानाध्यक्ष भानू प्रताप सिंह समेत सभी थाना स्टाफ ने वर-वधू को अपना आशीर्वाद दिया. लोगों के बीच यह शादी पूरे दिन चर्चा का केन्द्र बना रहा. हालांकि इस दौरान दूल्हे के माता-पिता तो शादी में नजर आये लेकिन दुल्हन पक्ष से कोई भी शादी समारोह में शामिल नहीं हुआ था.
शादी में शामिल हुए कई पुलिस अधिकारी
जानकारी के अनुसार, गया शहर के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत नौरंगा गांव निवासी श्याम चौधरी का पुत्र रविन्द्र चौधरी विगत दो माह से बिहिया थाना में सिपाही के पद पर पदस्थापित है. रविन्द्र चौधरी का पढ़ाई के दौरान ही अपने गांव के पड़ोस में रहने वाली निशा से प्यार हो गया था. दोनों का प्यार मिलने-जुलने व फोन के जरिये परवान पर चढ़ता रहा और उन्होंने शादी का फैसला किया. लेकिन निशा के घरवाले समाज में बेइज्जती होने की बात को लेकर प्रेमी जोड़े की शादी के लिए राजी नहीं हुए. बताया जाता है कि दो-तीन दिन पूर्व प्रेमी सिपाही अपने गांव गया और दोनों घर से निकलकर बिहिया पहुंच गये.
थानाध्यक्ष की मौजूदगी में हुई शादी
इस दौरान रविन्द्र चौधरी ने अपने माता-पिता को फोन पर अपने शादी करने के निर्णय से अवगत कराया जिससे उसके माता-पिता भी बिहिया पहुंच गये.वहीं मामले की जानकारी मिलने के बाद बिहिया थाने में भी हड़कंप मच गया. इस दौरान थानाध्यक्ष ने सारी बातों को जानने के बाद दोनों का शादी करा देना हीं उचित समझा. थानाध्यक्ष ने अपनी मौजूदगी में महथिन मंदिर में दोनों की शादी करा दी जो कि चर्चा का विषय बना हुआ है.
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