जरा हटके

यात्रा के लिए नहीं बल्कि इस काम के लिए बस में चढ़ते हैं लोग

Ritisha Jaiswal
2 Nov 2021 3:23 PM GMT
यात्रा के लिए नहीं बल्कि इस काम के लिए बस में चढ़ते हैं लोग
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आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और काम के चलते अक्सर लोगों की नींद नहीं पूरी हो पाती

जनता से रिश्ता वेबडेस्क | आजकल की भागदौड़ भरी जिंदगी और काम के चलते अक्सर लोगों की नींद नहीं पूरी हो पाती। वहीं कुछ लोग ऐसे भी होते हैं जिन्हें अपने घर के शोरगुल वाले माहौल या किसी अन्य कारणों से नींद नहीं आती, लेकिन वे लोग लंबी यात्राओं के दौरान कार, ट्रेन, बस, या फ्लाइट में आसानी से अपनी नींद पूरी कर लेते हैं। यात्रा करते समय नींद आना बड़ी ही कॉमन बात है। खासकर बस की यात्रा करते समय हवा के ठंडे झोके से अपने आप ही झपकी आने लगती हैं। ऐसे लोगों के लिए एक कंपनी ने अनोखी और नायाब सेवा शुरू की है। एक ट्रैवेल कंपनी ने उन लोगों के लिए बस सेवा शुरू की है जो ये शिकायत करते हैं कि उन्हें घर में नींद नहीं आती है। इस बस में उन्हें नींद पूरी करने की सुविधा दी जा रही है। आइये जानते हैं इस अनोखी सर्विस के बारे में...

हॉन्ग कॉन्ग की एक बस टूर कंपनी ऊलू ट्रैवेल ने ये अनोखी शुरुआत की है, जिसमें यात्रा के दौरान नींद पूरी करने की सुविधा दी जा रही है। 5 घंटे की इस बस यात्रा के लिए यात्री यात्रियों को टिकट जरूर लेना पड़ेगा, लेकिन वे इसका उपयोग किसी गंतव्य तक पहुंचने के लिए नहीं बल्कि बस में सोने के लिए करेंगे। कंपनी की ये डबल डेकर बस शहर के 47 किलोमीटर का चक्कर 5 घंटे में लगाती है। इसके बाद यात्रियों को वहीं लाकर छोड़ती है, जहां से यात्रा की शुरुआत हुई थी।
कितना किराया है और क्या हैं सुविधाएं
इस बस का किराया आप कौन सी सर्विस चुनते हैं इसके अनुसार है। टिकट की कीमत डेक और सीटों की स्थिति के आधार पर तय की गई है। यात्रा करने के लिए टिकट की कीमतें 1,000 रुपये से 3,800 रुपये तक हैं। इस अनोखी बस में यात्री अच्छे से सो सकें, इसके लिए उन्हें आई मास्क और ईयर प्लग भी दिए जाते हैं।
लोगों को पसंद आ रहा है स्लीपिंग बस टूर
स्लीपिंग बस टूर की शुरुआत कुछ दिन पहले ही हुई है और इसे लोग इतना पसंद कर रहे हैं कि इसके पहले टूर की सारी टिकटें कुछ ही देर में बिक गईं थीं। यात्रा शुरू होने से पहले ये बस एक होटल में रुकती है, जहां सभी यात्री भरपेट खाना खाते हैं, ताकि उन्हें रात को अच्छी नींद आ सके। इसके बाद बस धीमी गति से चलती रहती है। पांच घंटे की यात्रा के बाद, बस उसी स्थान पर रुकती है जहां से यात्रा शुरू हुई थी।


Ritisha Jaiswal

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