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पेंगुइन्स को खिलाई सस्ती मछली, स्वाद पसंद ना आने के चलते किया खाने से इनकार, देखें वीडियो

Gulabi Jagat
8 July 2022 4:56 PM GMT
पेंगुइन्स को खिलाई सस्ती मछली, स्वाद पसंद ना आने के चलते किया खाने से इनकार, देखें वीडियो
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अक्सर जब घरों में मन मुताबिक खाना नहीं बनता है तो बच्चे खूब नखरे दिखाते हैं
अक्सर जब घरों में मन मुताबिक खाना नहीं बनता है तो बच्चे खूब नखरे दिखाते हैंऔर कई बार खाना खाने से भी मना कर देते हैं. मगर क्या आपको लगता है कि ऐसे नखरे सिर्फ इंसान ही दिखाते हैं? इन दिनों जापान की पेंगुइन्स (Penguins refuse to eat cheap fish) काफी चर्चा में हैं जो ऐसे ही नखरे कर रही हैं. उनके नखरे करने का कारण भी काफी अजीबोगरीब है जो आपको हैरान कर देगा.
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार जापान (Japanese penguins and otters not eating cheap fish) का हाकोने एन एक्वेरियम (Hakone-en Aquarium) इन दिनों चर्चा में है. उसका कराण ये है कि इस एक्वेरियम के कर्मचारियों ने यहां पाली गई पेंगुइन्स और ओटर्स के खाने में बदलाव कर दिया है. रिपोर्ट के मुताबिक महंगाई बढ़ने से एक्वेरियम (Japanese aquarium penguins) को चलाने का खर्च भी बढ़ रहा है. ऐसे में उस खर्च पर काबू पाने के लिए यहां के कर्मियों ने जीवों के आहार को सस्ता कर दिया है.
महंगाई के कारण दी जा रही सस्ती मछली

पहले पेंगुइन को जैपनीज हॉर्स मैकरेल नाम की मछली खिलाई जाती थी मगर अब कीमतें बढ़ने से साबा नाम की मछली खिलाई जा रही है जो काफी सस्ती है. भले ही एक्वेरियम के मालिकों को ये विकल्प सस्ता पड़ रहा हो मगर उनकी चिंता अभी खत्म नहीं हुई है. वो इसलिए क्योंकि पेंगुइन इस बदलाव से खुश नहीं हैं और वो सस्ती मछली खाने से मना कर दे रही हैं. वाइस वर्ल्ड न्यूज से बात करते हुए हेड जू कीपर हिरोकी शिमामोटो ने कहा कि कई पेंगुइन्स और ओटर्स मछली को अपने मुंह में कुछ देर रखती हैं और फिर उगल देती हैं.
कई पेंगुइन सस्ती मछली खाने से कर रहीं इनकार
शिमामोटो ने कहा कि उन्हें ये तो नहीं पता कि पेंगुइन्स को क्या फर्क लग रहा है मगर ये तो साफ है कि नई मछली के लिए वो आदि नहीं हैं. ऐसे में जो पेंगुइन्स सस्ती मछली नहीं खा रही हैं, उन्हें पुरानी वाली ही खिलाई जा रही है. इस साल की शुरुआत से एक्वेरियम को चलाने का खर्च करीब 20 फीसदी तक बढ़ गया है, ऐसे में उन्हें कई चीजों में कॉस्ट कटिंग करनी पड़ रही है. उन्होंने बिजली की खपत में भी कमी की है और साथ में उनके खाने में भी बदलाव किया है.
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