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मस्ती करते बच्चे किसे अच्छे नहीं लगते. किसी और को नुकसान पहुंचाए बिना बच्चे जितना मन उतना खेलें, मौज करें, उछलकूद में मचाए ये हर मां-बाप की ख्वाहिश होती और उन्हें ऐसा करते देखना अलग आनंद देता है
मस्ती करते बच्चे किसे अच्छे नहीं लगते. किसी और को नुकसान पहुंचाए बिना बच्चे जितना मन उतना खेलें, मौज करें, उछलकूद में मचाए ये हर मां-बाप की ख्वाहिश होती और उन्हें ऐसा करते देखना अलग आनंद देता है. इंसान ही हीं बेजुबान जानवरों के बच्चे भी इंसानी बच्चों की तरह ही बदमाशी और मस्ती करते हैं.
IFS सुशांत नंदा ने ये वीडियो अपने ट्विटर अकाउंट पर शेयर किया जिसे 64 हज़ार से ज्यादा व्यूज़ मिल चुके है. औऱ 5 हज़ार से ज्यादा लोगों ने इसे लाइक किया. गुब्बारे को देख बेबी मंकी ने जो उत्साह दिखाया वो जबरदस्त था. कहते हैं ना कि बच्चे एक बार गुब्बारे को देख लें तो फिर उन्हें उससे दूर रखना मुश्किल हो जाता है. वहीं हाल हा उस बंदर के बच्चे का जिसे जाने कहां से मिल गया था एक पीला गुब्बारा. फिर देखिए बेबी मंकी ने कैसे की बलून के साथ मस्ती?
बंदर की बलून के साथ मस्ती
One cannot separate kids from balloons… pic.twitter.com/jNNrEGjVdR
— Susanta Nanda IFS (@susantananda3) April 14, 2022
बच्चों का बचपना उनका प्राकृतिक गुण है. ये सिर्फ इंसानों में ही नहीं बल्कि जानवरों में भी कूट-कूट कर भरा है. बंदर के बच्चे का बचपना तब बाहर आ गया जब उसके हाथ लगा एक गुब्बारा जिसे देखते ही वो उत्साह से भर गया. फिर तो जो मस्ती शुरु हुई की पूछिए ही मत. मिट्टी और पेड़ के इर्द-गिर्द बेबी मंकी खूब देर तक खेलता रहा. उसका उत्साह थमने का नाम ही नहीं ले रहा था. ठीक वैसे ही जैसे हमारे बच्चो को जब मनपसंद खिलौना मिल जाता है तो उनकी खुशी का कोई ओर—छोर नहीं होता. वो बस उसी खिलौने के साथ पूरी दिन खेलना चाहता है. और सबसे बड़ी बात बच्चे अपने फेवरेट खिलौना मन भरने से पहले कभी किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहते. चाहे वो जो कोई भी हो.
अपनी गुब्बारा शेयर करने को नहीं था तैयार
ठीक किसी बच्चे की ही तरह बेबी मंकी भी अपना फेवरेट गुब्बारा किसी के साथ शेयर नहीं करना चाहता था तभी तो जैसे ही एख औऱ बंदर उसके साथ उस गुब्बारे से खेलने की चाहत में उसके पास गया उसे ये बात ज़रा भी रास नहीं आई. औऱ वो झट से अपने बलून को दोबारा अपने कब्ज़े में करने लगा. वो बलून को थोड़ा और सुरक्षित करना चाहता था इसी चक्कर में लेने के देने पड़ गए. गुब्बारा तो बेचारा गुब्बारा ही ठहरा. जैसे ही प्यारे मंकी ने उसे लेकर पेड़ पर भागने की कोशिश की तभी उसमें कुछ चुभा और गुब्बारा फट से फट गया. बलून फटते ही बंदर सकपका सा गया. और उसके सारे अरमान धरे के धरे रह गए.
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